scriptvideo : शहर में नहीं बनेगा पिंक कॉरिडोर, महिलाओं की ‘सुरक्षित राह’ बंद… | Smart City Company decides not to implement the Pink Corridor project | Patrika News
उज्जैन

video : शहर में नहीं बनेगा पिंक कॉरिडोर, महिलाओं की ‘सुरक्षित राह’ बंद…

शहर में प्रोजेक्ट की फिजिब्लिटी नहीं पाने पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने प्रोजेक्ट को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पिंक कॉरिडोर के रूप में महिलाओं को मिलने वाली सुरक्षित राह की उम्मीद भी फिलहाल खत्म हो गई है।

उज्जैनJul 12, 2019 / 09:13 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. महिलाओं के लिए बना स्मार्ट सिटी का वुमन फ्रेंडली स्ट्रीट प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ गया है। शहर में प्रोजेक्ट की फिजिब्लिटी नहीं पाने पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने प्रोजेक्ट को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पिंक कॉरिडोर के रूप में महिलाओं को मिलने वाली सुरक्षित राह की उम्मीद भी फिलहाल खत्म हो गई है।

कुछ सड़कों का चयन किया गया था

स्मार्ट सिटी कंपनी ने महिलाओं को सुरक्षित, स्वच्छ, सुंदर और सुविधायुक्त माहौल देने के लिए वुमन फ्रेंडली स्ट्रीट प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसे पिंक कॉरिडोर नाम दिया गया था। इसके लिए फ्रीगंज की कुछ सड़कों का चयन किया गया था। पिंक कॉरिडोर विकसित करने में ७२ लाख रुपए खर्च होने के अनुमान के साथ टेंडर तक जारी किया गया था। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को तकनीकी टीम और बोर्ड मेंबर ने अव्यवहारिक मानते हुए समाप्त कर दिया है। पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में प्रोजेक्ट निरस्त करने के पीछे तर्क दिया गया था कि जिस उद्देश्य से पिंक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, महिलाओं के लिए उसे आरक्षित रखना या आम नागरिकों को इस सुविधा से प्रथक रखना मुश्किल होगा।

आदर्श माहौल देने बनाया था प्रोजेक्ट

शहर की एक रोड हो जो पूरी तरह महिलाओं को आदर्श माहौल देने के लायक हो। रोड पर सुरक्षा के इंतजाम रहें, सुंदरता व स्वच्छता रहे, महिला-युवती सड़क किनारे अच्छे वातावरण में बैठ सके, नि:संकोच स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद ले सके, इस परिकल्पना के साथ वुमन फ्रेंडली स्ट्रीट प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने भी इस प्रोजेक्ट में विशेष रुचि ली थी और उनकी मंशा पर ही पिंक कॉरिडोर विकसित करने की कवायद शुरू हुई थी। पहले फेज में यहां महिलाओं के लिए सुरक्षा व क्षेत्र का सौंदर्यीकरण शामिल किया गया था। सफलता मिलने पर अगले चरणों में वॉटर एटीएम, वाईफाई, बायो टॉयलेट्स, वुमन शॉप्स, टी-कॉर्नर जैसी सुविधाएं विकसित की जा सकती थीं। उम्मीद यह भी कि उज्जैन का यह प्रोजेक्ट देशभर के लिए सकारात्मक उदाहरण साबित होता है और इसे अन्य शहरों में लागू किया जाता।

सवा किलोमीटर का बनना था कॉरिडोर

पिंक कॉरिडोर में फ्रीगंज व दशहरा मैदान क्षेत्र के कुछ हिस्से को लिया गया था। इसके अंतर्गत जीडीसी से एलआइसी चौराहा होते हुए संजीवनी हॉस्पिटल रोड और पुलिस कंट्रोल रूम से विक्रम चौराहा (घासमंडी चौराहा क्षेत्र) को शामिल किया था। इन सड़कों की लंबाई १.२५० किलोमीटर है।

चार महीने सर्वे के बाद तय हुआ था कॉरिडोर

निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने शहर में महिलाओं के लिए पिंक कॉरिडोर बनाने की परिकल्पना की थी। उनके निर्देश पर स्मार्ट सिटी कंपनी की तकनीकी टीम ने शहर में एेसे स्थानों का सर्वे किया, जहां महिला या युवतियों का आवागमन अधिक होता है। मुख्य बाजारों में पहले से ही चहल-पहल होने के कारण सुरक्षा संबंधित समस्या नहीं रहती, इसलिए इन्हें सर्वे में शामिल नहीं किया गया। करीब चार महीने के सर्वे के बाद जीडीसी से संजीवनी हॉस्पिटल व पुलिस कंट्रोल रूम से विक्रम चौराहा तक के क्षेत्र को पिंक कॉरिडोर के पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था। उक्त क्षेत्र के चयन के पीछे आधार था कि प्रस्तावित कॉरिडोर में कन्या महाविद्यालय, कन्या स्कूल, आसपास रिहायशी क्षेत्र, कोचिंग्स व बाजार आदि के कारण सुबह से रात ९ बजे तक महिला-युवतियों का आना जाना सर्वाधिक होता है। इसके अलावा इस क्षेत्र में कुछ चौराहे पैदल चलने वालों के लिहाज से असुरक्षित हैं, इसलिए भी इस क्षेत्र को योजना में शामिल किया।

ऐसा बनना था पिंक कॉरिडोर

– स्ट्रीट पोल्स, इन पर एचडी कैमरे।
– चौराहों पर पीटीजेड कैमरे जो चारों ओर मूव करेंगे।

– हर 200 मीटर दूरी पर पोल्स पर पैनिक बटन, समस्या होने पर इसे दबाने से हूटर बजेगा।
– जगह-जगह बैठने की व्यवस्था

– आसपास की दीवार व सड़क पर महिलाओं पर आधारित पैंटिग्स
– सौंदर्यीकरण के लिए लेंड स्कैपिंग व जगह-जगह आकर्षक प्रतिमाएं।

– गंदगी, अतिक्रमण या अन्य कारण से जो जगह डेड स्पेस के रूप में हैं, उनका विकास।
– चलने के लिए पृथक से फुटपाथ, जेबरा क्रॉसिंग आदि।

इनका कहना
क्षेत्र विशेष में महिलाओं को विशेष सुविधा देने के उद्देश्य से पिंक कॉरिडोर प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। प्रोजेक्ट फिजिबल नहीं पाने पर इसे निरस्त करने का निर्णय लिया गया।

अवधेश शर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी कंपनी

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