scriptमप्र के इस शहर के लिए संत-महात्मा उठाएंगे अब ये कदम, करेंगे आमरण अनशन | Steps will be taken to declare Ujjain a holy city | Patrika News
उज्जैन

मप्र के इस शहर के लिए संत-महात्मा उठाएंगे अब ये कदम, करेंगे आमरण अनशन

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और मंदिरों की नगरी अवंतिका को पवित्र नगरी बनाने और शासन की ओर से विधिवत इसका दर्जा दिलाने के लिए अब संत और महंत आगे आए हैं।

उज्जैनApr 25, 2019 / 12:34 pm

Lalit Saxena

patrika

hunger strike,Signature Campaign,Mahakal Temple,holy city,

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और मंदिरों की नगरी अवंतिका को पवित्र नगरी बनाने और शासन की ओर से विधिवत इसका दर्जा दिलाने के लिए अब संत और महंत आगे आए हैं। इसे लेकर क्रमिक आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से आक्रोशित संत आमरण अनशन करने जा रहे हैं।

संतों ने कहा अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं
संतों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन, नगर निगम और राज्य शासन की लापरवाही और सनातन धर्म की अनदेखी के कारण महाकाल की नगरी उज्जैन में बीते कुछ वर्षों से मांस-मदिरा का उपभोग और कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि अब मांस-मदिरा की दुकानें धार्मिक स्थलों के पास ही संचालित की जा रही हैं। उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने के साथ मांस-मदिरा व्यवसाय को शहर में प्रतिबंधित किए जाने की मांग लंबे समय से हो रही है।

वर्षों पहले एक संत ने उठाया था यह मुद्दा
इस अभियान को रामद्वारे मंदिर के संत प्रतीत राम रामस्नेही ने वर्षों पहले प्रारंभ किया था। इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं हुआ। यह अभियान एक बार फिर संतों, महंतों के नेतृत्व में अभियान प्रारंभ हो गया है। अरिहंत ऋषि महाराज एवं स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व उमा भारती के मुख्यमंत्री काल में अमरकंटक को पूर्ण पवित्र नगरी घोषित करने के साथ उज्जैन को आंशिक पवित्र नगरी घोषित कर शहर में मांस मदिरा विक्रय को लेकर कुछ मापदंड तय किए थे।

साधु-संतों में खासी नाराजगी है
नौकरशाह की मनमानी और नेताओं की कमजोर इच्छा शक्ति के कारण अवंतिका नगरी आंशिक तौर पर भी पवित्र नहीं बन सकी। इसके विपरित शहर में मांस मदिरा का उपयोग और कारोबार चरम पर पहुंचने लगा है। इससे सनातनधर्मियों और साधु संतों में नाराजगी है। संत समाज द्वारा अवंतिका को पवित्र नगरी बनाने की मांग के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को संतों ने रक्त से हस्ताक्षर कर पत्र लिखे गए हैं।

हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत
संतों महंतों के साथ आम नागरिकों और श्रद्धालुओं का समर्थन जुटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई है। पवित्र नगरी अभियान हस्ताक्षर में 1 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर कराने के बाद पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे। जन आंदोलन को तेज करने की दिशा में संतों, महंतों का आमरण अनशन भी होगा। इसमें स्थानीय संतों, महंतों के साथ साथ देशभर के साधु महात्मा शामिल होंगे।

patrika

ये संत करेंगे आमरण अनशन
महामना कुशाग्रानंद के शिष्य अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव, विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक और ऊर्जा फाउंडेशन के संस्थापक ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि महाराज और अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल के स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती आमरण अनशन करेंगे।

Home / Ujjain / मप्र के इस शहर के लिए संत-महात्मा उठाएंगे अब ये कदम, करेंगे आमरण अनशन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो