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पशु मालिकों को कड़ी चेतावनी, घर तुड़वाने के लिए रहें तैयार

शूकर पालकों को विशेष रूप से दी बड़े नुकसान की चेतावनी

उज्जैनNov 21, 2019 / 12:51 am

Mukesh Malavat

पशु मालिकों को कड़ी चेतावनी, घर तुड़वाने के लिए रहें तैयार

शूकर पालकों को विशेष रूप से दी बड़े नुकसान की चेतावनी

उज्जैन. बार-बार समझाइश के बावजूद शहर की स्वच्छता और लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले पशु मालिकों को प्रशासन ने एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। पशु व शूकर पालकों को दो टूक कहा गया है कि या तो दो दिन में अपने मवेशी शहर से बाहर पहुंचा दें या या फिर अपने घर तुड़वाने के लिए तैयार रहें। शूकर पालकों को विशेष रूप से हिदायत दी है कि इसका पालन नहीं करने पर उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। पूर्व में भी चेतावनी देने के बावजूद ज्यादातर पशु मालिकों द्वारा निर्देशों को हवा में उड़ाने के चलते इस बार प्रशासन कुछ सख्त कार्रवाई के उदाहरण कायम करने के मूड में है।
शहर को मवेशी मुक्त बनाने के लिए बुधवार शाम मेला कार्यालय में पशु व शूकर पालकों की बैठक ली गई। शुरुआत में नगर निगम अपर आयुक्त मनोज पाठक और उपायुक्त भविष्य खोबरागड़े ने पशु मालिकों को शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग की आधा घंटे तक समझाइश दी। इसके बाद निगमायुक्त क्षितिज सिंघल, एडीएम आरपी तिवारी व एएसपी रूपेश द्विवेदी बैठक में आए और तैयार सूची अनुसार पशु मालिकों से वन-टू-वन दो टूक बात की। सिंघल ने कहा कि आप लोगों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। पूर्व बैठकों में भावनात्मक रूप से समझाया लेकिन हमें बदले में वादाखिलाफी मिली इसलिए अब आखिरी बार दो दिन का समय दिया जा रहा है। इसके बाद चौतरफा कार्रवाई होगी। जो लोग अपने मवेशी शहर से बाहर नहीं पहुंचाएंगे उनके अवैध निर्माण तो तोड़ेंगे ही, अन्य कानूनी कार्रवाई भी होगी। कोई भी इस गलत फहमी में न रहे कि कार्रवाई नहीं होगी, कार्रवाई तो होना अब तय है। कार्रवाई के लिए हम अपनी तैयारी पूरी कर चुके हैं। विशेषकर शूकर पालकों को कहना चाहता हूं कि उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। एडीएम तिवारी ने धारा 144 प्रभावशील होने और उल्लंघन पर प्रकरण दर्ज होने की चेतावनी दी। एएसपी द्विवेदी ने कहा, कानून का पालन तो करना ही होगा, नहीं तो पेरशानी काफी बढ़ जाएगी। बैठक में मवेशियों को शहर से बाहर करने के लिए दो दिन का समय देकर प्रशासन ने गेंद पशु मालिकों के पाले में डाल दी है।
बैठक में नहीं आने वालों के तैयार होंगे रेकॉर्ड- निगम रेकॉर्ड में शहर में 80 से अधिक पशु मालिक व एक दर्जन से अधिक शुकर पालकों के नाम दर्ज हैं। इसके बावजूद बैठक में करीब 45 पशु मालिक ही शामिल हुए, जिनमें शुकर पालक दो ही थे। निगमायुक्त ने मौजूद पशु मालिकों को कहा कि बैठक में दिए निर्देशों की जानकारी अनुपस्थित साथियों को भी दे दें। अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो लोग बैठक में नहीं आए हैं उनके पते, निर्माण आदि की जानकारी एकत्र करें।
आज की हंसी कल आंसू में बदल जाएगी
निगम के पास उपलब्ध पशु मालिकों की सूची के आधार पर निगमायुक्त ने एक-एककर पशु मालिकों से उनके पशुधन की जानकारी ली। सूची में जहां किसी नाम के आके 50-60 मवेशी लिखे थे, बैठक में उक्त पशु मालिक 10-12 पशु होने का हवाला दे रहा था। इनमें से भी अधिकांश अपने पशुओं को गांव पहुंचाने का दावा कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा, यदि ऐसा होता तो आज हमें बैठक लेने की जरूरत नहीं पड़ती। बैठक में कुछ पशु मालिकों ने बेतुके तर्क दिए जिन्हें अधिकारियों ने तत्काल खारिज कर दिया। एक पशु मालिक ने आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि मैंने तो चार साल से इंदौर चला गया हूं। अवैध निर्माण तोडऩे की चेतावनी पर एक युवक ने पूर्व मुहिम में ही घर टूटने की बात कही, वहीं कुछ अन्य ने भी हंसते हुए कहा कि हमने पशु बाहर भेज दिए हैं, आप चाहों तो पड़ताल करवा लेना। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि हमारे पास सभी के रेकॉर्ड हैं, पड़ताल भी होगी और मवेशी मिले तो आज जो हंसी है वह कल आंसू में बदल जाएगी।
समझा चुके इसलिए कलेक्टर-एसपी नहीं आए
कलेक्टर, एसपी व निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने 4 अक्टूबर को भी पशु मालिकों की बैठक लेकर 15 अक्टूबर तक मवेशियों को शहर से बाहर पहुंचाने, नहीं तो रासुका की कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। बावजूद अपेक्षित असर नहीं मिला। बैठक निगमायुक्त द्वारा बुलाई गई थी। उन्होंने शुरुआत में ही कहा कि बैठक में कलेक्टर व एसपी नहीं आए हैं क्योंकि उनका कहना है कि उन्हें जो समझाना था, वे पूर्व बैठक में समझा चुके हैं। मैंने यह बैठक इसलिए ली ताकि एक बार आप लोगों से परिचय हो जाए। इसके बाद में मेरे पास कोई यह कहने नहीं आए कि हमें चार-पांच दिन की मोहलत दे दो।
ऐसी स्थिति में नंबर वन आना मुश्किल
निगमायुक्त ने कहा, स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले वर्ष शहर अपनी श्रेणी में पहले नंबर पर आया था लेकिन अभी की स्थिति देखकर नहीं लगता कि इस बार ऐसा हो पाएगा। इसके पीछे बड़ा कारण, शहर में बड़ी संख्या में पशु और शूकरों का घूमना है। उज्जैन की ऐसी हालत हो गई है जैसे 8-10 साल पहले के गंदे शहर हुआ करते थे। शहर आप लोगों का है इसलिए इसे स्वच्छ रखने में आप को भी भागीदारी देना होगी।
हो सकती है यह कार्रवाई
-धारा 144 लागू है। जिनके मवेशी सड़क पर नजर आए, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज होगा, जिसमें अर्थदंड के साथ कारावास का प्रावधान है।
-निर्देशों का पालन नहीं करने वाले पशु मालिकों के बाड़े-भवन निर्माण की जांच होगी। अवैध मिलने पर निर्माण तोड़ा जाएगा।
-पशु-शूकर हमेशा के लिए राजसात कर लिए जाएंगे।
-कार्रवाई के दौरान कोई विरोध करता है तो पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई होगी।
यह दिए निर्देश
-अपने घर या प्लॉट की सीमा में अधिकतम दो पशु पाल सकते हैं। शेष को शहर से बाहर ले जाएं।
-दो से अधिक मवेशी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-दो मवेशी भी सड़क पर नजर नहीं आना चाहिए और नहीं उनकी गंदगी बाहर दिखना चाहिए।

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