चुनिंदा जगह मिलता है उसल पोहा
उज्जैन शहर में सामान्य पोहा तो कई जगह बनता है, लेकिन उसल पोहा चुनिंदा स्थानों पर मिलता है। ऐसे ही कंठाल चौराहा स्थित राजेंद्र उपहार गृह का उसल पोहा प्रसिद्ध है। प्रति रविवार को बनने वाला यह उसल पोहा खाने सैकड़ों स्वाद के शौकीन पहुंचते हैं।
संचालक आशीष सोनी बताते हैं कि उनके दादा लक्ष्मीनारायण सोनी ने ८० साल पहले दुकान शुरू की थी। वे इंदौर से उसल बनाना सीखकर आए थे। तब से ही शहर में यह स्वाद चल रहा है। उनके पिता राजेंद्र सोनी ने भी यह स्वाद बरकरार रखा। अब वे तीसरी पीढ़ी के रूप में यह जायका शहर को चखा रहे हैं। आशीष बताते हैं कि उसल बनाने के लिए सबसे पहले करीब २४ घंटे पहले राजमा, मौठ, काबुली चना, चवला, बटला को भिगोकर रख दें।
इसके बाद नमक के पानी में इसे उबाल लें। इसके बाद एक कढ़ाही में तेल गर्म होने रखें। इसमें हींग, राई, जीरा, कढ़ी पत्ता और खड़े गरम मसाले का तड़का लगाएं। इसके बाद बारीक कटा लहसुन, अदरक, प्याज और हरी मिर्च डालें। इसके बाद इसमें लाल मिर्च पावडर, धनिया पावडर, हल्दी पावडर, नमक डालकर पानी के साथ पकाएं। फिर इसमें फेटा हुआ दही डालें।
इसके बाद इसमें उबले हुए राजमा, मौठ, काबुली चना, बटला, चवला और छोटे आकार में कटे फ्राय किए हुए पनीर के टुकड़े डालें। उसल तैयार है। अब पहले से तैयार पोहे एक प्लेट में लें। इसके ऊपर उसल डालें। इसके बाद सेव, बारीक कटा प्याज, हरा धनिया और नीबू का रस मिलाकर मजे लेकर खाएं।