सरकार बनने के बाद पहला बजट
सरकार बनने के बाद अपने पहले बजट में वित्त मंत्री ने हर वर्ग को खुश करने व सभी पहलुआें को छूने की कोशिश की। साथ ही प्रदेश में विकास की नई तस्वीर उभारने जैसे प्रावधान भी किए हैं लेकिन सवाल यही है क्या ये लोकलुभावन बजट प्रदेशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा।
शुरू हुई थी एयर टैक्सी सेवा, कुछ माह में बंद
शहर में हवाई सेवाओं के विकास का प्रयास साल २०१२ में हुआ था। तब दताना-मताना हवाई पट्टी से उज्जैन से भोपाल, जबलपुर के लिए एयर टैक्सी सेवा शुरू की गई थीं। ९ सीटर हेलीकॉप्टर के जरिए शहर की हवाई कनेक्टिविटी को नई दिशा देने के जतन कुछ ही माह में असफल हो गए। यात्रियों की संख्या की कमी व अधिक लागत खर्च के चलते ये सेवा बंद हो गई। इसके बाद से हवाई पट्टी के उन्नयन या इस तरह की सेवा देने के कोई प्रयास नहीं किए। अब नए सिरे से सरकार ने जो घोषणा की है उससे एक बार फिर उम्मीदें जागी हैं।
एमआेयू साइन किए, निजी कंपनी चलाएगी सेवा
– सरकार ने बजट में हवाई सेवा की जो घोषणा की है। वह दरअसल निजी कंपनी के जरिए संचालित होना है।
– केंद्र-राज्य सरकार के बीच यह मसौदा तैयार हुआ है। बाद में टेंडर जारी कर इच्छुक कंपनियों से एमओयू साइन किए।
– ये कंपनियां ९ सीटर एयर टैक्सी संचालित कर तय चार शहरों तक हवाई कनेक्टिविटी देगी।
– हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि दताना-मताना हवाई पट्टी का विकास व यहां जरूरी सुविधाएं कौन जुटाएगा।
– यश एयरवेज का ट्रेनिंग सेंटर बंद होने के बाद से हवाई पट्टी पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ।
– एक ट्रेनी पॉयलेट का हेलीकॉप्टर क्रैश होने के चलते इस सेंटर की अनुमति निरस्त कर दी गई थीं।
नाइट लेंडिंग शुरू हो, वैकल्पिक एयरपोर्ट बनें
उज्जैन धार्मिक पर्यटक शहर है। यहां हवाई सेवा की अपार संभावनाएं हैं। देशभर के लोग सीधे यहां पहुंचे इसके लिए इंदौर के पास वैकल्पिक एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। वैसे भी इंदौर को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिल चुका है, एेसे में अब डोमेस्टिक एयर लाइंस के लिए उज्जैन को चुनना चाहिए। इससे पहले यहां कम से कम नाइट लैंडिंग तो शुरू हो जाना चाहिए। सरकार ने हवाई सेवा से शहर को जोडऩे की जो घोषणा की है वह सुखद है लेकिन यह कब तक शुरू होगी इस पर संशय है।
– मोहन यादव, विधायक, उज्जैन दक्षिण