इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश की धज्जियां तो उड़ाई ही। साथ ही मानवता को भी तार-तार किया। असल में महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत तीन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के मौके पर अस्पताल परिसर में स्थित वागड़ धर्मशाला में समारोह हुआ। दो मेल स्टाफ नर्स और एक सिस्टर की सेवानिवृत्ति थी जिसके उपलक्ष्य में समारोह के बाद धूमधाम से जुलूस निकाला गया।
ढोल के साथ निकला जुलूस, वार्ड के बाहर मनाई दीवाली
वागड़ धर्मशाला में विदाई समारोह के बाद धूूमधड़ाके साथ जुलूस निकाला गया। वहीं, पर आतिशबाजी के साथ पटाखों की झड़ी लगा दी गई। लेकिन इस दौरान वहां मौजूद अस्पताल के जिम्मेदार कर्मचारियों ने एक बार भी शोर न करने की हिदायत नहीं दी। यहां तक कि वे खुद जुलसू में शामिल हुए और अस्पताल के मुख्य द्वार की ओर ढोल के साथ आगे बढ़ चले।
गुलाल से सराबोर हो झूमे जिम्मेदारसमारोह के समापन के बाद निकले जुलूस में नर्सिंग अधीक्षक शंकरलाल यादव और नर्सेज एसेासिएशन अध्यक्ष रकमचंद्र सहित कई कर्मचारी शामिल रहे। लेकिन किसी ने उन गरीबों और असहाय लोगों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। और पूरे उल्लास के साथ धर्मशाला से गेट तक निकले जुलूस में शामिल रहे।
शोरशराबा तो हुआ ही नहीं
इस संबंध में नर्सेज एसोसिएशन संघ अघ्यक्ष रकमचंद्र ने साफ तौर पर ही मना कर दिया कि किसी प्रकार का जुलूस अस्पताल में निकला ही नहीं है। जबकि वे इस दौरान गुलाल में सरोबोर हो शामिल रहे।
नोटिस के नाम पर इतिश्री
अस्पताल परिसर साइलेंस जोन में आता है। यहां तक की गाडि़यों के हॉर्न भी बजाने की मनाही है। यदि इस प्रकार से शोरशराबा हुआ है तो जिम्मेदार लोगों को नोटिस दिया जाएगा। पहले भी परिसर में शोर मचाने को लेकर हिदायत दी जा चुकी है। पुन: एेसा न करने को पाबंद किया जाएगा।
डॉ. वीके जैन, पीएमओ, एमजी अस्पताल