शादी में खाना खाने पहुंचे मेहमानों में सामान्य तो कम दिखे पर और व्हीलचेयर पर बैठे नन्हे दिव्यांग और निराश्रित बच्चे शादी को इन्जोय कर रहे थे। शादी में दूल्हा-दुल्हन के परिवारों ने आपसी सहमति से निर्णय लेकर इन मेहमानों को बुलाया था। दूल्हा-दुल्हन का यह प्रयास समाज में अच्छा संदेश दे गया कि हम अपनी खुशियों इन बच्चों को शामिल करें जिससे दुनिया की खुशियांइनको भी नसीब हो सके। सेवाधाम आश्रम उज्जैन के करीब 50 से अधिक बच्चों को शादी में बुलाया गया और परिवार के लोगों ने अपने हाथों से इनको भोजन करया।
हाथ से बने तोहफे लेकर आए बच्चे
शादी में अन्य मेहमानों की तरह ये बच्चे भी न्यू मैरिड कपल के लिए सुंदर-सुंदर उपहार लेकर आए थे और यह उपहार अपने हाथों से बना कर लाए थे। बच्चों के उपहारों को देखकर कपल भी काफी खुश हुए। दूल्हा-दुल्हन ने वादा किया है कि वह आगे भी इन बच्चों से मिलते रहेंगे। समाज के अन्य लोगों को भी इस तरह के कदम उठाना चाहिए। कपल ने कहा कि हमने एक कोशिश की जिससे मासूमों के चेहरे पर कुछ पल की खुशियां देखकर बहुत सुकून मिला।
शहर में हुई यह शादी इंदौर के व्यवसाई कमलेश अग्रवाल के बेटे अमन और इंदौर के ही व्यवसाई घनश्याम मेडतवाल की बेटी अवनी की थी। दोनों परिवारों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ 50 मेहमानों को ही बुलाया था। दूल्हा-दुल्हन के परिवार के जितने लोग थे उतने ही बच्चों को बुलाया गया था। शादी में बच्चों को लेकर पहुंचे सेवाधाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि ये सराहनीय पहल है कि विवाह समारोह में दिव्यांग बच्चों को भी बुलाया गया था और समाज में खुशियों से महरूम इन बच्चों को अपनी खुशियों में शामिल किया। इससे हमारे समाज में भी एक अच्छा संदेश जाएगा।