पानी की बौछार की जा रही थी
रंगपचमी के प्रमुख आयोजन स्थल पर सोमवार सुबह से ही रंगों के दिवानों का मजमा लगने लगा था। कहीं पानी के फव्वारे थे तो कुछ स्थानों पर अपनी-अपनी व्यवस्था से पानी की बौछार की जा रही थी। डीजे पर युवकों की टोली थिरक रही थी। लोगों पर रंग फेंका जा रहा था। जगह-जगह उत्सव प्रेमियों का अनूठे अंदाज में स्वागत किया जा रहा है।। इसके पहले राजाधिराज महाकाल के आंगन में अल-सुबह भस्म आरती के बाद रंगपंचमी का उल्लास नजर आया। पुजारी दिलीप गुरु के संयोजन में तैयार टेसू के फूलों का रंग और हर्बल गुलाल आरती-पूजन के बाद भस्मआरती में शामिल होने आए भक्तों पर उड़ाया गया।
कहार समाज की छड़ीमार होली
कहार समाज की ओर से परंपरागत छड़ीमार होली का आयोजन किया गया। कहारवाड़ी क्षेत्र में ढोलक की थाप पर नृत्य करते पुरुषों पर महिलाएं छड़ी से प्रहार कर रहीं थी तो पुरुष प्रहार से बचने के जतन करते रहे। छड़ी मार होली के बाद सम्मान समारोह कहार भवन में आयोजित किया गया। समाजसेवा के लिए वरिष्ठजनों और महिलाओं सम्मान किया गया।
– देवासगेट पर रंगों का कड़ाव लगाया गया। कड़ाव में टेसू के फूलों से बना रंग था। रंग-पानी की बौछार के लिए वाटर पार्क था। डीजे आकर्षण का केन्द्र था। बॉलीवुड के रॉक स्टार्स की रंगों के बीच प्रस्तुति लोगों को थिरकने पर मजबूर करते रहीं।
– शहीद पार्क पर श्रीध्वज परिवार की ओर से आयोजित रंगपंचमी कार्यक्रम ने अलग की समां बांध दिया। ढोल-ताशा और डीजे की धूम पर लोगों ने जककर मस्ती की। डीजे पर युवकों की टोली थिरक रही थी। इतना रंग उड़ाया कि सड़क रंग-गुलाल से पट गई।
– स्वर्णिम भारत मंच द्वारा रंगपंचमी पर सोमवार को गोपाल मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष मालवी रापट रोलिया का आयोजन किया गया। मालवी रापटरोलिया में मालवी होली के तहत फूलों की सूखी होली गई। इसमें टमाटर, पीली मिट्टी के लेप से उत्सव मनाया। विद्यार्थी यूनियन परिवार द्वारा कंठाल चौराहा पर रंगों के फव्वारों के बीच डीजे की धुन पर रंगपंचमी उत्सव मनाया गया।
ठंडे पानी से अतिथि सत्कार
टॉवर पर रंगपंचमी के रंग ठहाका परिवार के संग का आयोजन किया गया। इसमें अतिथियों का सत्कार ठंडा पानी उड़ेल कर किया गया। शहर के गणमान्य नागरिकों, जन प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों, समाजसेवियों और प्रशासनिक अधिकारियों को अलग-अलग उपाधियों से नवाजा गया। ढोल-नगाड़ों, डीजे की धुन पर बच्चे, युवा, बुजुर्ग हर किसी ने जमकर ठुमके लगाए। आगन्तुकों को शर्बत, नमकीन छाछ एवं ठंडाई प्रदान की गई। कवि अशोक भाटी ने अपनी रचनाओं से गुदगुदाया, शैलेन्द्र व्यास स्वामी मुस्कुराके ने घोड़ी पर बैठकर नृत्य किया।