उज्जैन

सरकार के इस फरमान से सिंहस्थ में खड़ी हो सकती है परेशानी

सिंहस्थ क्षेत्र में कटी अवैध कॉलोनियों को भी नियमित करने की कवायद, ६२ क्षेत्रों के लिए जारी हो चुकी है अधिसूचना

उज्जैनMay 21, 2018 / 12:37 am

Lalit Saxena

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उज्जैन. सरकार के फरमान पर नगर निगम ने अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्रवाई और तेज कर दी है। पहले ५५ अब ६२ अवैध कॉलोनियों के संबंध में अधिसूचना प्रसारित की गई है, जिसमें कॉलोनियों के नाम, भूमि सर्वे क्रमांक व मालिकों के नाम उल्लेखित है। ३० दिनों में इनके नियमितीकरण संबंधी दावे-आपत्ति बुलाए गए हैं। जारी सूची में कुछ क्षेत्र एेसे भी है, जहां सिंहस्थ आरक्षित भूमि पर ही कॉलोनी या अवैध निर्माण हो गए। यदि इन बस्तियों को भी वैध कर दिया जाएगा तो सिंहस्थ दरमियान भूमि संबंधी दिक्कतें आएगी। हालांकि निगम प्रशासन का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड परीक्षण उपरांत ही प्रक्रिया होगी, बगैर कागजात देखे कॉलोनी नियमितीकरण नहीं करेंगे।
नगर निगम प्रशासन ने शनिवार को विभिन्न वार्डों में स्थित ६२ कॉलोनियों को वैध करने के लिए अधिसूचना निकाली है। जिसमें कहा गया है कि इन कॉलोनियों को शासन के निर्देश के क्रम में नियमित किया जाना है। अब देखना है सिंहस्थ क्षेत्र में आ रहे सर्वे क्रमांक को लेकर किस तरह की आपत्तियां आती हैं और निगम किस प्रक्रिया अंतर्गत इसका निराकरण करता है, क्योंकि किसी तरह की जल्दबाजी निगम प्रशासन के लिए भी गले की हड्डी बन सकती है।
४० लाख में सर्वे का ठेका, ४ कंपनियों के टेंडर
नगर निगम ने अवैध कॉलोनियों के भागौलिक सर्वे, स्थिति भूमि सर्वे क्रमांक व राजस्व रिकॉर्ड सहित सभी जगह की फोटो वीडियोग्राफी करवाकर बस्ती व कॉलोनी वार रिपोर्ट तैयार करने का ४० लाख रुपए का ठेका निकाला है। इसमें ४ कंपनियों ने टेंडर पात्रता हासिल की है। अब इनकी फायनेंशियल बीड खुलेगी, जिसके रेट कम होंगे उस कंपनी को जिम्मा सौंपा जाएगा। निगम अधिकारियों के अुनसार कंपनी इंजीनियर, तकनीकी अमला व स्टाफ सारे विवरण व जानकारी जुटाकर प्रत्येक के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद ही नियमितीकरण प्रक्रिया होगी।
शासकीय व वक्फ बोर्ड का उल्लेख, सिंहस्थ क्षेत्र का नहीं
निगम की ओर से जारी अधिसूचना के आखिरी में उल्लेखित है कि संबंधित कॉलोनियों का कोई भाग शासकीय भूमि, देवस्थान भूमि, वक्फ बोर्ड भूमि व अनटिनेबल क्षेत्र से प्रभावित होने पर उस भाग के नियमितीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन इस अधिसूचना में कहीं भी सिंहस्थ क्षेत्र आरक्षित होने का उल्लेख नहीं है। जबकी गढ़कालिका, मंगलनाथ, अंकपात, खिलचीपुर, मुल्लापुरा, पिपलीनाका क्षेत्र में अवैध बस्तियां सिंहस्थ भूमि बसी हुई है। निगम की ये चूक भविष्य में भारी पड़ सकती है।

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