इस बार विशेष फल देगा करवाचौथ
गुरु-रोहिणी के विशेष संयोग में पुण्य फलदायी रहेगी करवा चौथ
गुरु-रोहिणी के विशेष संयोग में पुण्य फलदायी रहेगी करवा चौथ
वृषभ राशि का चंद्रमा, बालवकरण आदि बना रहे श्रेष्ठ स्थिति
उज्जैन. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ या करक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इस बार करवा चौथ गुरुवार के दिन, रोहिणी नक्षत्र, उच्च राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। गुरु-रोहिणी के संयोग में यह करवा चौथ विशेष पुण्य फलदायी मानी जा रही है।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया पंचांगीय गणना के अनुसार गुरुवार का दिन रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि का चंद्रमा बालवकरण आदि श्रेष्ठ स्थिति बना रहे हैं। चूंकि करवा चौथ चतुर्थी से चंद्रमा की साक्षी में चंद्र की पूजन का व्रत माना जाता है, इस दिन की मान्यताएं अलग-अलग हैं। परंपरानुसार देखें तो चंद्रमा की साक्षी में करवा चौथ पूजन महिलाओं को सौभाग्य की वृद्धि कराने वाला होता है, इस दिन चंद्र पूजन की मान्यता अलग-अलग कथानकों के साथ ग्रंथों में उपलब्ध है।
यह चंद्र अति बलवान और सौभाग्य प्रदान करने वाला
धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का यह चंद्रमा विशेष महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह अति बलवान एवं सौभाग्य का आशीर्वाद देने वाला बताया गया है। बारह माह में एक दिन ऐसा आता है जब चंद्र की कलाओं से इस पक्ष को परिपूर्ण करता है। चूंकि करक चतुर्थी करक से संबंधित पात्र एवं जल का जो संयोजन होता है, इन दोनों के कारकत्व पर चंद्रमा का अधिकार होता है, साथ ही मन का कारक चंद्रमा होता है।
गुरु-रोहिणी का विशेष योग
खासतौर पर देखें तो नक्षत्र मेखला में रोहिणी का विशेष महत्व है, क्योंकि रोहिणी चंद्रमा की पत्नी हैं। अपनी पत्नी की नक्षत्र कक्षा में चंद्रमा का प्रवेश करवा चौथ के त्योहार को विशेष महत्वपूर्ण बना रहा है, इस दृष्टि से यह भी पति-पत्नी के मध्य विशेष प्रेम एवं सामंजस्य की स्थितियां बनाएगा। साथ ही नक्षत्र, तिथि व करण का योग कार्य सिद्ध व प्रगति वाला रहेगा।
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