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उज्जैन

यह मार्ग राहगीरों के लिए बना परेशानी का सबब

निर्माण नहीं होने से क्षेत्र के करीब दो हजार से अधिक ग्रामीण हो रहे परेशान

उज्जैनMay 31, 2019 / 12:37 am

Mukesh Malavat

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नागदा. बैरछा-ताल मार्ग राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। कारण मार्ग के एक ओर करीब पांच फीट गड्ढा कर दिया गया है। मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग की अगुवाई में किया जा रहा है। लाखों रुपए की लागत से बनने वाले मार्ग को एक ओर से खोदकर छोड़ दिया गया है, जिससे रात्रि के दौरान मार्ग से गुजरने वाले राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे है। मार्ग पर बीते दो माह से इस प्रकार की स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर पीडब्लूडी अफसरों का कहना है कि मार्ग का निर्माण प्रगति पर है लेवलिंग किए जाने के लिए मार्ग को एक ओर से खोदा गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल बैरछा से ताल तक लोक निर्माण विभाग की अगुवाई में सडक़ निर्माण किया जा रहा है। कार्य की लागत करीब 48 करोड़ रुपए बताई जा रही है। मार्ग का निर्माण ताल क्षेत्र में पूरा हो चुका है, लेकिन बैरछा से सटे करीब आधा दर्जन गांव की सीमा में सडक़ निर्माण नहीं हो सका है। निर्माण नहीं होने से क्षेत्र के करीब दो हजार से अधिक ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एक ओर गड्ढों से पटी पड़ी ह ैसडक़ है : निर्माण के लिए मार्ग को एक ओर से करीब पांच फीट तक खोद दिया गया है, वहीं दूसरी ओर मार्ग पर प्रति एक किमी के दायरे में दर्जनों गड्ढे है। मार्ग पर सबसे अधिक परेशानी रात्रि सफर के दौरान होती है। बैरछा ताल मार्ग पर निपानिया, खजुरिया, बैरछा गांव मौजूद है।
बारिश बनेगी परेशानी
मानसून ग्राम बैरछा पहुंच मार्ग पर ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बनेगा। कारण मार्ग का कार्य या मार्ग पर किए जाने वाले लेवलिंग का कार्य बारिश के पूर्व पूरा नहीं किया गया तो बारिश के दिनों में मार्ग तालाब का रूप ले लेगा। इतना ही नहीं मार्ग के समीप मौजूद खेतों में भी बारिश का पानी बहुतायत में पहुंचेगा, जिससे खेतों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होगी।
अस्पताल पहुंचना सबसे बड़ी दिक्कत
मार्ग की हालात इस कदर खराब हो चुकी है, कि ग्रामीणों के मन में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भय बना रहता है। यदि गांव में कोई प्रसूता मौजूद है, तो ग्रामीण उसे गांव रखने की बजाए नागदा स्थिति किसी रिश्तेदार के यहां रखना उचित समझते है। ग्रामीणों के मन में भय रहता है कि यदि रात्रि के दौरान प्रसूता के साथ कोई आपात स्थिति बने तो उसे तुरंत स्वास्थ्य सेवा कैसे दी जाएं।
भारी वाहनों से उड़ती है धूल
बैरछा ताल मार्ग रतलाम सीमा पहुंचने का सीधा और शॉर्टकट माध्यम है। ऐसे में भारी वाहन रतलाम सीमा पहुंचने के लिए उक्त मार्ग का प्रयोग करते है। ऐसे में मार्ग का कार्य अधूरा होने से धूल के गुब्बार क्षेत्र के रहवासियों को बीमार कर रहे हैं। निर्माण नहीं होने का लाभ उठाते हुए क्षेत्र में कंजरों की सक्रियता बढ़ गई है।
कार्य प्रगति पर है। निर्माण के लिए ही एक ओर से मार्ग से मिट्टी को हटाई है। मार्ग पर लेवलिंग का कार्य किया जा रहा है।
गौतम अहिरवार, एसडीओ, पीडब्लूडी

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