उज्जैन में लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उज्जैन में अभी तक 91 मरीज सामने आ चुके हैं। गुरुवार को अकेले उज्जैन में 34 मामले सामने आए हैं। गुरुवार को इंदौर के बाद उज्जैन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं। इसके साथ ही उज्जैन में अब तक कोरोना वायरस के कारण सात लोगों की मौत भी हो चुकी है।
23 अप्रैल तक की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के इंदौर में मौत का प्रतिशत 65 फीसदी है। जबकि राजधानी भोपाल और उज्जैन में मौत की दर 9 फीसदी है। वहीं, चिंता की बात ये है कि उज्जैन में स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का औसत केवल 3 फीसदी है। उज्जैन में तीन फीसदी की दर से समक्रमित ठीक हो रहे हैं और मौत का औसत 9 फीसदी के करीब है। उज्जैन मध्यप्रदेश के रेड जोन में शामिल है। उज्जैन में लॉकडाउन में सख्ती बरती जा रही है इसके बाद भी संक्रमित केसों में वृद्धि हो रही है। जिस कारण से सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि उज्जैन में कोरोना प्रकरणों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। गत 22 अप्रैल को किए गए 173 टेस्ट में से 43 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। ये सारे प्रकरण संक्रमित क्षेत्रों के ही हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वहां विशेष ध्यान दिए जाने तथा निगरानी किए जाने की आवश्यकता है।