सागर के चारों और रहेगी हरियाली
रूद्रसागर के विकास में चारों और पौधे और वृक्ष भी रहेंगे। यह हरियाली से आच्छादित रहेगा। बड़े रूद्रसागर की तरह ही छोटे रूद्रसागर को भी संवारा जाना है। यहां अन्नक्षेत्र को हटाया जाना है। इस खाली जगह पर ही पौधे लगाए जाएंगे और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
सालों से विकास की बांट जोह रहे सागर
रूद्रसागर के विकास को लेकर लंबे समय से कवायद चल रही है। पूर्व में सागर को गहीरकरण को लेकर लाखों रुपए खर्च किए गए। सिंहस्थ २०१६ में सागर में मिलने वाले नाले को पक्का कर अंडरग्राउंड किया गया। सागर के आसपास पाल बांधी गई। वहीं बावजूद इसके सागर की दशा नहीं सुधरी। वहीं अब उम्मीद है कि सागर अपने पुराने स्वरूप में लौटेगा और शहर की पहचान बनेगा।
सागर के गहरीकरण होगा, नि:शुल्क मिट्टी ले जा सकेंगे
रूद्रसागर का डीवाटरिंग, डीसिल्टिंग तथा गहरीकरण किया जाएगा। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसके लिए कवायद शुरू की है। इकसे तहत जिस किसी व्यक्ति-संस्था को यदि मिट्टी की आवश्यकता हो तो वह स्वयं के संसाधनों व व्यय पर ले जा सकता है। इसके लिए संबंधित को कार्यपालक निदेशक उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड की पूर्व अनुमति लेना होगी। कपंनी से ५ दिसंबर से पहले तक आवेदन कर अनुमति भी प्राप्त की जा सकती है।
इनका कहना
रूद्रसागर के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। यहां अब तक का सबसे आधुनिकतम लाइटिंग शो बर्ड आइलैंड, संस्पेंशन ब्रिज सहित अन्य काम प्रस्तावित है। विकास कार्य पूरे होने पर रूद्रसागर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केेंद्र रहेगा।
– आशीषसिंह, कलेक्टर व अध्यक्ष, स्मार्ट सिटी कंपनी