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उज्जैन

महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर बड़ा फैसला, कोई वीआइपी नहीं

वीआइपी कल्चर पर लगाई रोक, अब दो घंटे ही मिलेगी सुविधा, मंदिर क्षेत्र विकास के लिए गठित मंत्रियों की हाइ पावर कमेटी ने लिया फैसला, विशेष दिनों में पूरी तरह रहेगी रोक

उज्जैनAug 23, 2019 / 11:07 pm

aashish saxena

VIP culture will run for two hours in Mahakal temple

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उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी कल्चर पर रोक लगा दी गई है। आम दिनों में वीआईपी के लिए भस्मारती के बाद सिर्फ सुबह 6 से 7 और दोपहर 3 से 4 बजे तक दर्शन सुविधा रहेगी। दिन विशेष या त्यौहारों पर मंदिर में वीआईपी कल्चर पूरी तरह बंद रहेगा। मंदिर विकास के लिए गठित तीन मंत्रियों की हाइपावर कमेटी ने इस नई व्यवस्था पर बड़ा निर्णय लेने के साथ ही शुक्रवार से इसे लागू कर दिया है।

महाकाल मंदिर क्षेत्र विकास और सुविधाओं के विस्तारिकरण को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा की हाइपावर कमेटी गठित की है। शुक्रवार को कमेटी ने उज्जैन पहुंच मंदिर विकास कार्यों को लेकर बृहस्पति भवन में बैठक की। इसमें मुख्य सचिव एसआर मोहंती व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव भी शामिल हुए। कमेटी ने महाकाल मंदिर में बढ़ते वीआइपी कल्चर के कारण बार-बार दर्शन व्यवस्था प्रभावित होने की समस्या को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया। कमेटी ने वीआईपी कल्चर पर रोक लगाते हुए एक दिन में दो घंटे का समय निर्धारित किया है। इसके अनुसार सुबह 6 से 7 व दोपहर में 3 से 4 बजे तक दर्शन की वीआइपी व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा अन्य समय पर यदि कोई वीआईपी मंदिर आते हैं तो उन्हें आम श्रद्धालुओं के लिए प्रचलित दर्शन व्यवस्था से ही मंदिर में दर्शन हो सकेंगे। विशेष दिनों में दो घंटे की विशेष सुविधा पर भी रोक रहेगी। बता दें कि मंदिर में बढ़ते वीआइपी कल्चर के कारण आम श्रद्धालु नाराज होते हैं वहीं दर्शन व्यवस्था भी प्रभावित होती है। पूर्व में भी यह मुद्दा कई मंचों पर उठ चुका है।

कई लोग जिनके पास समय कम, उन्हें सुविधा

प्रभारी मंत्री वर्मा ने कहा, मैंने प्रारंभ में ही वीआइपी कल्चर समाप्त होने की बात कही थी लेकिन पूरी तरह वीआइपी कल्चर समाप्त नहीं हो सकता है। न्यायपालिका या अन्य क्षेत्र से कई लोग हैं जो दूरदराज से आते हैं और उनके पास समय कम रहता है, इसलिए एेसे व्यक्तियों के लिए समय निर्धारित किया गया है। वर्मा के अनुसार जन्माष्टमी का महत्वपूर्ण दिन है इसलिए आज (शुक्रवार) से ही नई व्यवस्था लागू कर दी है।

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