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उज्जैन में कहां पड़ा है१८ हजार मीट्रिक टन गेहूं, क्या है खतरा

धीमे परिवहन ने बढ़ाई एमपी स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन की चिंता, 10 हजार बारदान भी नहीं पहुंचे

उज्जैनApr 16, 2018 / 09:43 pm

Gopal Bajpai

patrika

धीमे परिवहन ने बढ़ाई एमपी स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन की चिंता, 10 हजार बारदान भी नहीं पहुंचे

 

 

उज्जैन. जिले में ७४ केंद्रों से गेहूं की सरकारी खरीदी तेजी से हो रही है। अब तक जिले में १.८५ मीट्रिक टन गेहूं किसानों से खरीदा जा चुका है, लेकिन सोसायटियों में रखे गेहूं का परिवहन समय पर नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि जिले में १८ से २० हजार मैट्रिक टन गेहूं खुले में रखा है। यदि बारिश होती है तो लाखों रुपए गेहूं खराब होने की आशंका है। हालांकि अफसर जल्द गेहूं उठाने की बात कह रहे हैं, लेकिन जमीनी हालत खराब है।

जिले में गेहंू की सरकारी खरीदी १५ मार्च शुरू हो गई है। सोसायटियों के माध्यम से खरीदे गए गेहूं को उठाने की जिम्मेदारी मप्र स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन की है। कार्पोरेशन के माध्यम से ही लोडिंग ट्रक, बारदान सहित अन्य व्यवस्था करना है। जिले मेें ३.५० मीट्रिक टन गेहूं के लक्ष्य की तुलना में अब तक १.८५ मीट्रिक टन गेहूं खरीदा चुका है, लेकिन सोसायटियों में रखे गेहूं खरीदी की तुलना में उठाए नहीं जा रहे हैं।

सोसायटियों के बाहर गेहूं के ढेर लगे हुए हैं। वहीं पिछले दिनों से मौसम में बदलाव आ रहा है। सोसायटी संचालक बता रहे हैं कि गेहूं समय पर नहीं उठता है और बारिश होती है तो गेहूं के खराब होने की आशंका है। कायथा क्षेत्र में सोसायटी में बड़ी मात्रा में गेहूं रखा है, लेकिन उठ नहीं पाया है। ऐसे ही अन्य सोसायटियों के भी हालात हैं। हालांकि अधिकारी खरीदी का ९१ फीसदी गेहूं उठाने की बात कह रहे हैं। मान भी लें कि इतना गेहूं का परिवहन कर दिया गया है तो फिर भी १८ हजार मीट्रिक टन गेहूं रखा है, जो चिंता बढ़ा रहा है।


बारदान भी नहीं पहुंचे, केंद्रों पर रुकी खरीदी

जिले में गेहूं का ही परिवहन नहीं हो रहा बल्की बारदान की भी कमी बनी हुई है। स्थिति यह है कि केंद्रों पर बारदान नहीं पहुंचने से गेहूं की खरीदी भी कहीं रुक गई तो कहीं धीमे हो रही है। जिले में ९५०० बारदान ही पहुंच पाए हैं। हालांकि अफसर एक-दो दिन में १० हजार बारदान के आने की बात कह रहे हैं।

विधायक, सोसायटी संचालकों ने कहा डंप हो रहा गेहूं

गेहूं का समय पर परिवहन नहीं होने और सोसायटियों में डंप होने पर विधायक और सोसायटी प्रबंधकों ने भी चिंता जताई है। इस संबंध में कलेक्टर को भी शिकायत की गई। मामले मेें कार्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन राठी ने भी पत्र लिखकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि सोसायटियों से गेहूं नहीं उठ रहा है। बारदान की कमी से गेहूं खरीदी रुकने की बात कही गई है।


ट्रक ऑपरेटर और जिला प्रबंधक में विवाद
मप्र स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन विभाग में सोमवार को ट्रक ऑपरेटर और जिला प्रबंधक माहेश्वरी के बीच जमकर विवाद हुआ। विवाद की वजह ट्रांसपोर्टस के बकाया भुगतान होना है। बताया जा रहा है कि गणेश ट्रांसपोटर्स के १ करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। सूत्रों की मानें तो मामले में रिपोर्ट तक दर्ज कराने की तैयारी थी बाद में लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया। बता दें, जिले में गेहूं परिवहन के लिए दो तीन ट्रांसपोर्टस के करीब १५० ट्रक लगे हुए हैं।

इनका कहना

गेहंू के परिवहन तेजी से किया जा रहा है। अब तक ९१ फीसदी गेहूं उठा लिया गया है । बारदान की दो हजार गठान भी एक-दो रोज में आ जाएगी। परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
– एसएन माहेश्वरी, जिला प्रबंधक, मप्र स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन

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