कौन हैं ये रंगा-बिल्ला, जिनका नाम सुनकर बिफर गए कलेक्टर
समर्थन मूल्य के गेहूं परिवहन में ढिलाई पर भड़के कलेक्टर, नागरिक आपूर्ति निगम जिला प्रबंधन को फटकार लगाई

उज्जैन. समर्थन मूल्य पर गेहूं व अन्य स्कंद के खस्ता परिवहन का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने कड़ी कार्रवाई के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एमडी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि शहर में 'रंगा-बिल्लाÓ नाम से प्रचलित व्यक्ति व उससे जुड़ी फर्म को १० वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाए। साथ ही बार-बार एक ही व्यक्ति को अलग-अलग फर्मों के नाम से टेंडर मिलने की जांच व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का भी अनुरोध किया है।
उपार्जित स्कंद के परिवहन को लेकर कलेक्टर मनीषसिंह द्वारा खाद्य नागरिक आर्पूति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग एमडी विकाससिंह नरवाल को लिखे पत्र में पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। सिंह ने नरवाल को बताया है, नागरिक आपूर्ति निगम ने परिवहन का ठेका गणेश अग्रवाल के अलग-अलग फर्मों को दिया है। अनुबंध शर्तों के अनुसार निविदाकर्ता कार्य नहीं कर रहा है, जिसके चलते १२ अप्रैल को कलेक्टर नोटिस भी जारी किया था। इसके बावजूद परिवहन मे उज्जैन की स्थिति दयनीय है। पत्र में यह भी उल्लेख है कि इस व्यक्ति शहर में जनप्रतिनिध, अधिकारी-कर्मचारी व जनता के बीच 'रंगा-बिल्लाÓ के नाम से प्रचलित है। उन्होंने अग्रवाल से उससे जुड़ी फर्मों को निविदा में भाग लेने से १० वर्ष के लिए प्रतिबंधित करने और इससे पूर्व नोटिस जारी करने, परिवहन के लिए जल्द निविदा निकालने, नई निविदा फाइनेंशियल टर्न ओवर के मान से रखने आदि का कहा है। परिवहन व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर कलेक्टर के इस कड़े पत्र के बाद विभाग में हलचल मच गई है।
एक ही व्यक्ति को कैसे दे रहे ठेका
अग्रवाल द्वारा विभिन्न फर्मों के नाम से ३० प्रतिशत तक कम दर पर ठेके लिए जा रहे हैं। पूर्व में भी कई बार कम दरों पर ठेके लिए गए। कलेक्टर के अनुसार अनुबंधकर्ता इतनी कम दर पर ठीक से परिवहन नहीं कर रहे हैं। जो थोड़ा परिवहन हो रहा है, वह भी इतनी कम दर पर कैसे संभव है, इसे जांच का विषय बताया है। एेसे व्यक्ति के अलग-अलग फर्म को बार-बार ठेका देने को लेकर उन्होंने मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से जांच करवाने और निगम के दोषी अधिकारियों पर निलंबन कार्रवाई का अनुरोध भी किया है।
जिले में कानून व्यवस्था पर असर
गेहूं व अन्य स्कंद के परिवहन में देरी से कलेक्टर ने किसानों के परेशान होने का हवाला दिया है। साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन को जद्दोजहद करने की बात भी कही है। उनके अनुसार इस कार्य से जनप्रतिनिधि भी संतुष्ट नहीं है और उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर ने परिवहन नहीं होने से पड़े लाखों क्विंटल उपार्जित स्कंद के आंधि-तूफान में खराब होने की आशंका जताई है।
पहली बैठक में लगाई फटकार
सोमवार को कलेक्टर मनीषसिंह ने मेला कार्यालय में समयावधी पत्रकों की समीक्षा बैठक ली। जिले में यह उनकी पहली टीएल बैठक थी। इस दौरान उपार्जित स्कंद परिवहन में लापरवाही का मामले सामने आने पर वह खासे नाराज हुए और नागरिक आपूर्ति निगम जिला प्रबंधक एसएन माहेश्वरी को कड़ी फटकार लगाई। माहेश्वरी को परिवहनकर्ता का अनुबंध निरस्त कर उसे कार्य से हटाने के निर्देश दिए। साथ ही सात दिन में नई निविदा जारी कर सक्षम फर्म को ठेका देने का कहा। बैठक में सीएम हेल्प लाइन की समीक्षा भी हुई। अब प्रत्येक शुक्रवार शाम 4 बजे सीएम हेल्पलाइन से संबंधित बैठक होगी।
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