ये कमियां भी हैं
– पुराना सिलेब्स अपडेट नहीं है।
– प्रयोगशाला बंद रहने से इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल ज्ञान का अभाव है।
– प्रयोगशाला में टेक्नीशियन भी नहीं है।
– लाइब्रेरी में किताबों की कमी है।
– पानी की व्यवस्था भी नहीं है।
-डिप्टी डायरेक्टर का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद एक रीडर अनावश्यक तौर पर संस्थान में पदस्थ है।
साफ-सफाई की जा रही हैं
प्रयोगशाला की सील को खोल कर साफ-सफाई की जा रही है। उपकरणों का परीक्षण और संधारण कर प्रायोगिक कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
-डॉ. उमेश सिंह, निदेशक स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान।