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उज्जैन

केंद्र के विरोध में सड़कों पर उतरी महिलाए

एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में सवर्णो ने किया अद्र्धनग्न होकर प्रर्दशन

उज्जैनSep 06, 2018 / 08:30 pm

Gopal Bajpai

patrika

केंद्र के विरोध में सड़कों पर उतरी महिलाए


नागदा। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल किए जाने के विरोध में लेकर गुरुवार को सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का शहर में व्यापक असर देखने को मिला है। व्यापारियों ने जहां स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठानों को बंद रख कर भारत बंद का समर्थन किया। बंद को देखते हुए शहर के स्कूलों-कॉलेजों में भी अवकाश रखा गया। पेटेल पंपो पर भी ताला जड़े रहने से वाहन चालक परेशान नजर आए। ईधर बंद के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट नजर आया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंतरसिंह कनेश खुद शहर में मौजूद रह कर कानून व्यवस्था पर नजर बनाई रखी थी। हांलाकि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा कहीं से भी कोई विवाद या अप्रिय स्थिति के समाचार नहीं मिलें। शाम 4 बजे सपाक्स व अन्य सवर्ण संगठनो की अगुवाई में स्थानीय कन्या शाल चौराहे पर सवर्ण समाज की सभा हुई जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं के अलावा शहर के व्यापारियों और अन्य समाजजन ने भाग लेकर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए एट्रोसिटी एक्ट को काला कानून बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने और आरक्षण को समाप्त कर इसे आर्थिक आधार पर लागू करने की पूरजोर तरीके से मांग की गई। सभा के बाद सभी लोग रैली के रूप में मंडी थाने पहुंचे और वहां राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
अद्र्धनग्न होकर किया विरोध
सवर्ण समाज के लोग सुबह से ही शहर की सड़कों पर उतरकर एट्रोसिटी एक्ट को लेकर विरोध प्रर्दशन कर रहे थे। इस दौरान सपाक्स के कुछ कार्यकर्ताओं ने मुख्य मार्गो पर अद्र्ध नग्न होकर भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और एससी/एसटी एक्ट को सवर्णो के लिए काला कानून बताया साथ ही कहा कि जब तक केंद्र में बैठी मोदी सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
स्कूल- कॉलेज सभी रहे बंद
भारत बंद का असर शहर में इतना व्यापक नजर आया कि शहर के एक भी शैक्षणिक संस्था नहीं खुली। वहीं सब्जी मंडी में भी सन्नाटा पसरा रहा। बंद को देखते हुए किसान सब्जी लेकर शहर नहीं पहुंचे। बंद का आव्हान शाम 4 बजे तक किया गया था। लिहाजा शाम 4 बजे के बाद पेट्रो पंप और छुटपुट दुकानें खुली। इसके पूर्व लोग सब्जी से लेकर दैनिक उपयोग की चीजों को लेकर भटकते देखे गए।
इन्होंने किया संबोधित
ज्ञापन के पूर्व कन्या शाला चौराहे पर हुई सभा को हनुमान प्रसाद शर्मा, रमेशचंद्र मोहता, भेरूसिंह चौहान, दिनेश अग्रवाल, अमित पंडि़त, गोपाल सलूजा, राजेश रघुवंशी, प्रफुल्ल शर्मा, डॉ. एस आर चावला, डॉ. अनिल दुबे, सुनील अग्रवाल, दिलीप पांचाल, बंशीलाल राठी, दिलीप काठेड़ ,हेमलता तोमर, निर्मला रावल, सीमा सारस्वत, विद्या अग्रवाल समेत सवर्ण, पिछड़ा और मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों ने संबोधित कर एक्ट का विरोध किया। ज्ञापन का वाचन प्रफुल्ल शुक्ला ने किया। संचालन प्रकाश जैन ने किया।

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