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उज्जैन

अपने हीरो के अंतिम दर्शन करने पेड़ पर चढ़ गए युवा

सम्मान में अब गांव में बनेगा खेल मैदान, विधायक ने की घोषणा

उज्जैनJan 09, 2022 / 11:59 pm

rajesh jarwal

Young people climbed a tree to pay their last respects to their hero

सम्मान में में अब गांव में बनेगा खेल मैदान, विधायक ने की घोषणा

कालापीपल. कालापीपल तहसील के रनायल गांव निवासी भारतीय सेना में पदस्थ सैनिक मोरसिंह धनगर का रविवार को गृहग्राम में अंतिम संस्कार किया गया। गायत्री परिवार के सदस्यों ने मंत्रोच्चार के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार करवाया। शहीद जवान का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर भोपाल से रनायल सड़क मार्ग से लाया गया, पूरे रास्ते देशभक्ति के गीत एवं सैनिक के सम्मान में जयकारे लग रहे थे। पार्थिव शरीर की एक झलक पाने को लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, रास्ते में लोगों ने पुष्प अर्पित कर सैनिक को श्रद्धांजलि दी। कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी भोपाल से ही सैनिक के पार्थिव शरीर के साथ आएं। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और लोगों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। भारत माता की जय, शहीद मोरसिंह अमर रहे, जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। सैनिक मोरसिंह की शहीद होने की खबर आने के बाद से ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई थी और आज अंतिम यात्रा में कोरोना का डर भी शहीद के सम्मान में लोग भूल गए और हजारों लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया, वही अंतिम दर्शन के लिए लोग छतों व पेड़ पर चढ़ गए।
सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
शहीद जवान मोरसिंह का अंतिम संस्कार गृह ग्राम रनायल के मुक्तिधाम में सैनिक सम्मान के साथ किया गया। सैनिक के भाई ने मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन शामिल हुए। मातमी धुन के बाद शस्त्र उल्टा कर सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी।
सड़क हादसे में हुई मौत
मोरसिंह धनगर अरुणाचल प्रदेश में आर्मी में सैनिक के पद पर पदस्थ थे और सेना के कार्य से जा रहे थे, इसी दौरान सड़क हादसा हो गया। जिसमें दो जवानों की मौत हुई। दोनों जवान सेना के वाहन से जा रहे थे तभी वाहन खाई में गिर गया, जिसमें कालापीपल के रनायल गांव के निवासी मोरसिंह की भी मौत हो गई। शहीद मोरसिंह 4 वर्ष पूर्व ही सेना में भर्ती हुए थे जिनकी अभी शादी नहीं हुई थी। मोर सिंह के परिवार में एक बड़ा भाई है वहीं एक छोटी बहन है। मां की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है व पिता विक्रम सिंह ने अपने बेटे को भी खो दिया।

सीधी विमान सेवा न होने से एक दिन लेट -अरूणाचल प्रदेश से सीधी विमान सेवा न होने से पहले पार्थिव शरीर को कलकत्ता लाया गया, यहाँ से बैंगलोर और बैंगलोर से भोपाल लाया गया। भोपाल से पार्थिव शरीर को रनायल लाया गया और यहाँ अंतिम संस्कार हुआ।
विधायक निधि से पांच लाख की घोषणा
कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी ने शहीद मोरसिंह की स्मृति में पांच लाख रुपये विधायक निधि से देने की घोषणा की। इस निधि से रनायल में खेल मैदान बनाया जाएगा।
भाजपा नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थिति रही चर्चा में -शहीद मोरसिंह की अंतिम यात्रा में भाजपा के प्रमुख नेताओं और जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। सैनिक के अंतिम संस्कार की तैयारी भी ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के सहयोग से की।
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