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उमरिया

मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के बाद दे सकेंगे सवालों के जवाब

प्रशिक्षण कार्यक्रम

उमरियाOct 12, 2018 / 05:16 pm

ayazuddin siddiqui

After the training of the master trainer will answer the questions

मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के बाद दे सकेंगे सवालों के जवाब

उमरिया. विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान गठित मतदान दलों को प्रशिक्षण देने वाले मास्टर ट्रेनर को भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों, मतदान प्रक्रिया तथा उपयोग की जाने वाली मशीने, ईव्हीएम , सीयू, वीयू तथा व्हीव्ही पैट के कनेक्शन , उनके रख रखाव तथा मशीनो के बदलने की प्रक्रिया, मशीनो की सीलिंग, मतदान की गणना की प्रक्रिया आदि के संबंध में इतना विश्वास हो जाना चाहिए कि वे मतदान दलो के प्रशिक्षण के दौरान उनके द्वारा पूछे गये हर प्रश्न का जवाब देने में सक्षम रहे। यह बात गत दिवस कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री माल सिंह ने मास्टर ट्रेनर को संबोधित करते हुए कही। आपने कहा कि कोई भी अधिकारी अति विश्वास में निर्वाचन संबंधी कार्य नही करें । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु विभिन्न निर्देश जारी कर रहा है। इन निर्देशों की जानकारी तभी संभव है जब निर्वाचन प्रक्रिया का गहनता के साथ अध्ययन किया जाए। इसलिए सभी मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान तथा प्रशिक्षण के पश्चात निर्वाचन नियमों का अध्ययन करें तथा उसे यथोचित समय पर उपयोग में लाएं। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत आशीष वशिष्ट, उप जिला निर्वाचन अधिकारी जी एस धुर्वे, रिटर्निग आफीसर बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र नीलाम्बर मिश्रा, रिटर्निग आफीसर मानपुर विधानसभा क्षेत्र अनुराग सिंह, मास्टर ट्रेनर सुशील मिश्रा, अभय पाण्डेय उपस्थित थे।
विधानसभा आम निर्वाचन 2018 को व्यवस्थित , शांतिपूर्ण , पारदर्शी तथा निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरश: पालन करते हुए पूरी कराने की जवाबदारी मतदान दलों पर है। मास्टर ट्रेनर श्री सुशील मिश्रा ने बताया कि ईव्हीएम के कनेक्शन किसी भी परिस्थिति में आन करके नही किए जाने चाहिए। ओरिजनल पोल के पहले यदि मतदान हेतु उपयोग की जा रही मशीनों में से कोई भी यूनिट काम नही कर रही हो या खराब हो तो केवल खराब यूनिट बदली जाए।
मतदान प्रारंभ होने के पूर्व माकपोल आवश्यक है। यदि माकपोल के बाद मशीन खराब होती है तो पूरी यूनिट बदली जाएगी। माकपोल में कम से कम 50 मत डालना अनिवार्य है किंतु ये मत निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों को बराबर अनुपात में डाले जाने चाहिए अन्यथा उससे अधिक मत भी माकपोल के दौरान डाले जाने चाहिए। यदि मशीन खराब होने के बाद पुन: मतदान प्रारंभ करने की आवश्यकता पडी तो निर्वाचन लडने वाले सभी अभ्यर्थियों के पक्ष में माकपोल उपस्थित अभ्यर्थी के एजेण्टों के समक्ष किया जाएगा। माकपोल के समय विभिन्न अभ्यर्थियो के एजेंट उपस्थित होने चाहिए यदि एजेंट उपस्थित नही है तो वहां सेक्टर आफीसर अनिवार्यता उपस्थित रहे। सभी जोनल अधिकारियों को सीयू, बीयू, ईव्हीएम मशीन तथा व्हीव्हीपैट के कनेक्शन तथा उनमे आने वाले इरर की जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए जिससे मतदान दल की
किसी भी समस्यां का वे निराकरण कर सके।
गैर मान्यता प्राप्त दल को मिल सकेगा एक चिह्न
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थियो को प्रतीक चिन्ह आवंटित करने के ंसबंध में निर्देश जारी किया गया हैं । पंजीकरण दल को किसी अन्य चिन्ह को आरक्षित करने का अधिकार नहीं है। निर्वाचन प्रतीक आरक्षण एवं आवंटन आदेश 1968 के पैरा 12 क के तहत निर्वाचन में दल द्वारा विधिवत रूप से खड़े किए गए अभ्यर्थी मुक्त प्रतीको के आवंटन में निर्दलीय अभ्यर्थियों के ऊपर वरीयता का लाभ पाने के पात्र होंगे तथा प्रतीक आदेश के पैरा क्रमांक 10 ख के प्रावधानों के अधीन लोक सभा या राज्य के विधानसभा के साधारण निर्वाचन में कम से कम पांच प्रतिशत सीटों से चुनाव लडऩे वाले पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा खड़े किए गए अभ्यर्थियों को मुक्त प्रतीको की सूची मे से एक ही प्रतीक आवंटित किया जाएगा। लोक प्रतिनिधित्वि अधिनियम 1951 की धारा 29 ख और 29 ग के प्रावधानो के अंतर्गत (राजनैतिक दलो को अंशदान से ंसबंधित) एक वित्तीय वर्ष में 20 हजार रूपये से अधिक प्राप्त संदान या अंशदान के बारे में निर्वाचनो का संचालन नियम 1961 में संलग्न प्रारूप क मे एक रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करना आवश्यक है। ऐसी रिपोर्ट में दल की स्थाई खाता संख्या , पैन का विवरण देना होता है। राजनैतिक दल का पंजीकरण करते समय आयोग राजनैतिक दलों के ध्वजों को अनुमोदित नहीं करता है और यदि दल का अपना ध्वज है तो यह उस दल की जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करें कि वह समप्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम 1950 या भारत के फ्लैग कोड अथवा इस विषय से संबंधित अन्य किसी सुसंगति विधि के उपबंधों का उल्लंघन न करें। यह भी कि उसका ध्वज किसी अन्य राजनैतिक दल के ध्वज का किसी प्रकार से अनुसरण न करे।
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