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उमरिया

दगना में आई कमी, तीन माह में नहीं दर्ज हुआ कोई केस

संजीवनी अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के दिखने लगे परिणाम

उमरियाAug 25, 2019 / 10:03 pm

ayazuddin siddiqui

Dagna decrease, no case filed in three months

दगना में आई कमी, तीन माह में नहीं दर्ज हुआ कोई केस

उमरिया. बच्चों को गर्म सलाखो से दागने की कुप्रथा को जड से समाप्त करने हेतु उमरिया जिले मे संजीवनी अभियान का संचालन किया जा रहा हैं। अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी के निर्देशन में जिला स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय संजीवनी अभियान जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पदाधिकारियों द्वारा सहभागिता की गई। इसी तरह जिले में बनाये गये कलस्टरो में कलस्टर अधिकारियों द्वारा सतत रूप से जागरूकता अभियान का संचालन किया जा रहा हैं। संजीवनी अभियान के तहत प्रत्येक मंगलवार को आंगनबाडी केंद्रो में आयोजित होने वाले मंगल दिवस के अवसर पर गर्भवती एवं धात्री माताओं को सलाह दी जाती है कि बच्चे के बीमार होने पर चिकित्सा केन्द्रों मे जाकर चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार उनकी चिकित्सा कराई जाए। दागना प्रथा समाज में एक कुप्रथा के रूप में प्रचलित है, इससे जहां बच्चों को कष्ट से गुजरना पडता है। वहीं संक्रमण की स्थिति में कभी कभी मृत्यु तक की नौबत आ जाती है, इसलिए माताएं एवं अभिभावक अपने बच्चों के सुखद भविष्य हेतु चिकित्सा व्यवस्था पर विश्वास करें। शासन द्वारा चिकित्सालयो में हर बीमारी का निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है। संजीवनी अभियान के संचालन के पश्चात जिले में मई माह में एक बच्चे के दागने की घटना प्रकाश मे आई थी। ग्राम पंचायत जमुनारा जनपद पंचायत मानपुर में प्राप्त शिकायत की जांच के उपरांत यह तथ्य सामने आया था कि गौवना बाई चौधरी द्वारा नवजात बालिका अश्वनी बैगा को दागा गया है। इसके पश्चात 10 मई 2019 को गौवना चौधरी के विरूद्ध थाना मानपुर में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही संबंधी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके पूर्व जिले में वर्ष 2018-19 में जिले की 763 अंागनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 60 हजार 602 बच्चो में से 673 बच्चों के दागने की रिपोर्ट थी। संजीवनी अभियान की मानीटरिंग का दायित्व महिला एवं बाल विकास विभाग को सौपा गया है। मानीटरिंग की तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है। प्रथम स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों में रजिस्टर संधारित किए गए है। जिसमें आंगनबाडी केन्द्रों में मंगल दिवस के अवसर पर गांव के 0 से 6 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चों का नाम दर्ज किया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , पंचायत सचिव , सरपंच , आशा कार्यकर्ता द्वारा सत्यापन किया जाता है कि इन बच्चों को दागा तो नही गया है, तत्पश्चात संबंधितों द्वारा रजिस्टर में हस्ताक्षर किए जाते है। इसी तरह जनपद स्तर पर संबंधित एसडीएम तथा सीडीपीओ एवं सुपरवाईजर द्वारा इस रजिस्टर का सत्यापन किया जाता है तथा उसमें टीप दी जाती है। तृतीय स्तर पर जिला कायक्रम अधिकारी के नेतृत्व में संजीवनी अभियान की मानीटरिंग की जाती है।

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