scriptभ्रष्टाचार की जांच करने नगरपालिका पहुंची इओडब्ल्यू की टीम, दर्ज किए बयान | EOW team reached municipality to investigate corruption, recorded stat | Patrika News
उमरिया

भ्रष्टाचार की जांच करने नगरपालिका पहुंची इओडब्ल्यू की टीम, दर्ज किए बयान

अनुदान राशि में फर्जीवाड़ा सहित विभिन्न कार्यों में किए गए भ्रष्टाचार की हुई थी शिकायत

उमरियाJun 30, 2022 / 06:27 pm

ayazuddin siddiqui

EOW team reached municipality to investigate corruption, recorded statements

EOW team reached municipality to investigate corruption, recorded statements

उमरिया. नगर पालिका परिषद उमरिया में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2018-19 की अवधि में हुए करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने जांच में लिया है। पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा ने पत्र क्रमांक/ईओडब्ल्यू/ 1656/2022 द्वारा शिकायत क्रमांक 191/2022 में कथन दर्ज करते हुए पूरे मामले को बिंदुवार जांच में लिया है। मामले में इसी सप्ताह एक बयान भी दर्ज किया गया है।
शिकायत के अनुसार तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष, लेखा पाल, स्वच्छता निरीक्षक, प्रभारी स्टोर कीपर, उपयंत्री, सीएओ व अन्य कर्मचारियों की मिली भगत से करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। 2015-16 से 2018-18 तक की अवधि में उमरिया को प्राप्त अनुदान 28 करोड़ 37 लाख 87 हजार 403 रुपए प्राप्त हुए थे। प्रतिवेदन के अनुसार 2013-15 व 2015-16 से 2017-18 में इसे ऑडिट के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया। अनुदान में प्राप्त राशि का गबन किया गया जिसके फर्जी दस्तावेज तक नगर पालिका परिषद उमरिया में उपलब्ध नहीं थे, जिसके आधार पर आडिट की औपचारिकता पूर्ण की जा सकती। इसी तरह तत्कालीन नपा अध्यक्ष ने आईडीएसएमटी योजना के तहत निर्मित दुकानों से प्राप्त 903.16 लाख रूपये में से 690.81 लाख रुपए आईडीएसएमटी योजना के खाते में जमा न कराके भिन्न खातों मे जमा कराया तथा इस राशि का स्वयं के हस्ताक्षर से आहरण कर अपने करीबी लोगों को फर्जी कार्यो का भुगतान किया। ऐसे लगभग 33 बिंदुओं के आधार मामले शिकायत की गई है।
निविदा शर्तों का नहीं किया गया पालन
शिकायत के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में नगर पालिका परिषद जिला उमरिया में 27 लाख रूपये की लागत से 6 कचरा वाहन क्रय करने हेतु निविदा जारी की थी। निविदा के अनुसार उपर से ढंके हुए 6 वाहन क्रय किए जाने थे, लेकिन परिवारिक फर्म को बिना प्रतिस्पद्र्धा के एकल निविदा के आधार पर कचरा वाहनों की आपूर्ति के लिए अधिकृत कर दिया। इसी तरह नियम विरुद्ध नगर के विभिन्न स्थानों पर महापुरुषों की मूर्तियां लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से लगाई गई। मूर्तियों की क्रय प्रक्रिया में निविदा के मानकों को ताक में रखते हुए अध्यक्ष की चहेती फर्मो क ो लाभान्वित किया गया तथा बाजार मूल्य से अधिक भुगतान किया गया।
बिना अनुमोदन किया भुगतान
मुख्यमंत्री की घोषणा क्र 0बी 3396 दिनंाक 1-03-2017 के तहत यातायात के सामने पार्क का निर्माण कार्य नगर पालिका द्वारा निविदा जारी कर संविदाकार के माध्यम से कराया गया। पार्क निर्माण की तकनीकी स्वीकृति 83.76 लाख रुपए थी तथा प्रशासकीय स्वीकृति 80 लाख रुपए थी।
शेष 3.76 लाख रुपए की राशि नगर पालिका परिषद उमरिया द्वारा अपने मद से व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने प्रशासकीय स्वीकृत आदेश में उल्लेखित शर्तो को ताक पर रखते हुए संविदाकार को एक करोड़ 11 लाख 32 हजार 365 रूपये की राशि का भुगतान किया। अतिरिक्त भुगतान की गई राशि का बंदरबाट कर लिया। वरिष्ठ कार्यालयों से कोई अनुमोदन प्राप्त नही किया गया।
डे केयर सेंटर ही संचालित नहीं हुआ
वर्ष 2013 में फॉङ्क्षगंग मशीन का क्रय किया गया जिसके लिए केपी इंटरप्राइजेज भोपाल को पंाच लाख 59 हजार 350 रुपए भुगतान किया गया, जबकि नगर पालिका परिषद उमरिया में फागिंग मशीन के जिस मॉडल की आपूर्ति की गई उसका अधिकतम बाजार मूल्य 25 हजार रूपये है। वर्ष 2013 में नगर पालिका परिषद में स्थानीय सामुदायिक भवन में डे केयर सेंटर शुरू किया था। डे केयर सेंटर के संचालन के लिए एक लाख 50 हजार रुपए का फिश इक्वेरियम, दो लाख 26 हजार रूपये की पूल टेबल व स्टिक एवं बाल के साथ एलईडी व फर्नीचर क्रय किए गए थे किंतु डे केयर सेंटर ही संचालित नही किया गया। उक्त खरीदी कागजों में की गई तथा फर्जी बिल लगाकर पांच लाख रूपये से अधिक राशि का गबन कर लिया गया यह समान कभी आया ही नही और वर्तमान में अनुपलब्ध है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो