इस कारण से यहां हो रहे हादसे, कोई इंतजामात नहीं
छ: माह में 135 हादसे, 43 मौत और 192 लोग हुए
इस कारण से यहां हो रहे हादसे, कोई इंतजामात नहीं
उमरिया. जिला मुख्यालय से बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व जैसे अहम पर्यटन स्थल को जोडऩे वाले मार्ग में वाहनों की सुरक्षा को लेकर कोताही बरती जा रही है। उमरिया से परासी मोड़ तक 15 किमी. लंबे राजमार्ग में बड़े पुलों की रेलिंग गायब हो चुकी है। अस्थाई तौर पर बनाई गई दीवार वाहन दुर्घटना की चपेट में आकर ध्वस्त हो चुकी है। पुलों के आसपास साइड फिलिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य नियमित नहीं किए जा रहे है। यही कारण है कि पिछले एक साल में इस मार्ग के पुलों में सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुई हैं। ज्ञात हो कि पुलिस विभाग की सतत कार्रवाई से गत वर्षों की तुलना में कमी तो आई है लेकिन घायलों की संख्या में वृद्धि हुई है। इनका एक बड़ा कारण हाईवे व घाट के पुलों में सड़क सुरक्षा के मानदण्डों की अनेदखी हैं। इनमे पुलों के रेलिंग से लेकर साइडिंग व बड़े गड्ढे शामिल हैं। साल 2016 में 198 सड़क हादसे दर्ज हुए थे। 2017 में यह आंकड़ा 300 तक पहुंच गया। 2018 में कुछ गिरावट के साथ 263 हादसे हुए थे।
हर माह करोड़ों वसूल रहा विभाग
उमरिया से परासी तथा खितौली जाते समय रीवा रोड में तीन टोल नाके पड़ते हैं, जहां प्रतिदिन फेरा वाहनों को श्रेणी अनुसार टैक्स देना पड़ता है। शर्तों के अनुरूप टोल नाका वसूलने वाली कंपनी को हर वर्ष प्राप्त राजस्व आय का कुछ प्रतिशत सड़क सुधार में खर्च करने का प्रावधान है। बावजूद इसके इस मार्ग में किस स्तर का कार्य होता है वह 15-20 किमी. मार्ग में भ्रमण कर देखा जा सकता है। बड़ेरी व बसबसपुर मार्ग में पुल के दोनों ओर जहां रेलिंग क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। वहीं दोनों ओर की साइडिंग में भू-क्षरण के चलते खाई बन चुकी है। कई बार बारिश के दौरान राखड़े लोड़ हैवी वाहन किनारे पहुंचते ही अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो जाते हैं। चालकों ने बताया उनसे कंपनी टैक्स के रूप में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए अर्जित करती है लेकिन सुविधाएं दोयाम दर्जे की भी नहीं मिल रही।
इनका कहना है
क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी से सड़क के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
एन के बर्वे, जिला प्रबंधक, एम पी आर डीसी शहडोल।
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