भवन ही नहीं तो कहां से मिलेगी सुविधाएं
उमरिया•May 12, 2019 / 10:18 pm•
ayazuddin siddiqui
अधर में लटका मॉडल कॉलेज का निर्माण
उमरिया. वर्चुचल क्लासेज, लैंग्वेज लैब जैसी आधुनिक शिक्षकीय सुविधा के साथ अध्यापन का सपना लेकर मॉडल कॉलेज में प्रवेशित छात्रों के साथ शासन ने धोखा देने का कार्य किया है। 2018 से मॉडल कॉलेज का संचालन प्रारंभ किया गया। वर्तमान में प्रथम वर्ष की कक्षाओं में 250 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। छात्रों को मिलने वाली मॉडल सुविधा तो दूर इन्हें आज तक सुलभ अत्याधुनिक भवन ही नहीं मिल पाया। छलावा के चलते प्रावेशित छात्र को खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के छह जिलों में मॉडल कॉलेज संचालित करने की स्वीकृति मिली थी। इनमे उमरिया के लोगों को भी उच्च शिक्षा की दिशा में अच्छी सौगात की उम्मीद थी। बावजूद इसके तीन साल बीतने को हैं बमुश्किल कक्षाएं चालू हो पाईं। जबकि भवन का कार्य तीन साल से पेण्डिंग चल रहा है। रूसा के तहत कॉलेज को समय पर आवंटन नहीं मिला और कार्य लटक गया। वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय आरवीपीएस के भवन में मॉडल को संचालित किया जा रहा है। बीए.बीएससी, बीकॉम प्रथम वर्ष में 250 छात्रों का नाम पंजीकृत है। उच्च व क्वालिटी शिक्षा के लिए विभाग द्वारा 19 प्राध्यापकों की नियमित पोस्ट स्वीकृत है। इनमे दो ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शेष 16 में अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। लैब, अध्याधुनिक तकनीकी, फर्नीचर व कोर्सेस का अभाव बना हहुआ है। जिले में मॉडल कॉलेज की नींव तीन साल पहले रखी गई थी। तत्कालीन सरकार द्वारा कॉलेज की स्वीकृति प्रदान कर संचालन की अनुमति दी गई। फिर पद व भवन जैसी बुनियादी जरुरतों की स्वीकृति में समय लगा। वर्ष 2016 में नवीन बिल्डिंग के लिए जमीन आवंटन के बाद इमारत का कार्य शुरु हुआ। औपचारिकता पूर्ण होने के बाद 18 माह में 902 लाख प्रशासकीय स्वीकृति, 893.69 तकनीकी स्वीकृति राशि से कार्य होना था। लोक निर्माण विभाग द्वारा परियोजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई। 2016 में बेस स्तर पर पिलर खड़े गए हैं लेकिन विभाग को बजट आवंटन नहीं हुआ। सूत्र बतातें हैं महाविद्यालय प्रबंधन को रूसा के तहत आवंटन मिलना था।
इनका कहना है
कालेज में नियमित प्राध्यापक न होने की वजह से समय पर पढ़ाई नहीं हो पा रही है। दो माह बीत गए और अभी तक कोर्स अधूरा पड़ा हुआ है। जिससे सभी को परेशान होती हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
राजेन्द्र कोरी, छात्र।
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पढ़ाई का स्तर काफी कमजोर है। कालेज में नियमित कक्षाओं का संचालन ही नहीं हो पा रहा है। कक्षाओं का संचालन ही नहीं होगा तो फिर गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात करना भी बेमानी साबित होगा।
प्रिंस द्विवेदी, छात्र।
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कालेज में फर्नीचर के साथ ही अन्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। यहां पढऩे आने वाले छात्र आज भी पुराने फर्नीचर में बैठते हैं। जिनकी ऊंचाई कम होने की वजह से छात्रों को इसमें बैठकर पढ़ाई करने में परेशानी होती है।
विपिन सेन, छात्र।
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पढ़ाई करने के लिए हम लोग चंदिया से प्रतिदिन यहां आते हैं। टे्रेन के आने-जाने का समय निर्धारित है। कालेज ेमें ऐसी कोई लाइब्रेरी यह अन्य सुविधा नहीं है जहां बैठकर समय का सही सदुपयोग कर सकें।
इसरार खान, छात्र।
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अभी फर्नीचर बोर्ड सहित कई सामान इस सत्र में आ चुके हैं। क्लासेस जारी है। अन्य आवश्यक मॉडल की सुविधाओं के लिए प्रकिया चल रही है।
अभिलाष पाण्डेय, प्राचार्य।