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उमरिया

संजीवनी दवाखाना के नाम पर मची है लूट

जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद

उमरियाSep 17, 2018 / 06:38 pm

ayazuddin siddiqui

Looted on the name of sanjivani dispensary

संजीवनी दवाखाना के नाम पर मची है लूट

बिरसिंहपुर पाली. संजीवनी आयुर्वेदिक खानदानी दवाखाना के नाम से भोली भाली जनता लुटते नजर आ रही है। क्षेत्र के पाली प्रौजेक्ट एमपीईबी कालोनी सहित अन्य जगहों से संचालित यह दवाखाना पैसा कमाने का जरिया बना हुआ है।
महाराष्ट्र राज्य से आये हुए ये दवा विक्रेता छोटी मोटी बीमारी के अलावा गंभीर जटिल व गुप्तरोगो से मुक्ति दिलाने के नाम पर हजारों रुपये की वसूली कर मोटी रकम ऐठने का काम बेखौफ रूप से कर रहे है। इन्ही के संपर्क में इलाज करा रहे पीडि़तों ने बताया कि यह पहले सम्बन्धितों से रोग की जानकारी लेते है, उसके बाद उसे कुछ इस कदर अपनी चंगुल में फसाते है कि वह दवा ही कराते रह जाता है, तब तक उससे हजारो रुपये की वसूली ये लोग कर चुके होते है।
जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध
वैसे तो सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी व्यवसाय पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय पर निगरानी रखकर उचित कार्रवाई करें, लेकिन यहां का स्वास्थ्य विभाग कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है, क्षेत्र में इस तरह के दवा विक्रेता न जाने कितनों को चुना लगाकर चंपत हो जाते है और प्रशासन से कार्रवाई की दरकार बनी रहती है।
रोगी को बरगलाकर बेचते हैं दवा
बताया गया है कि क्षेत्र में साल भर के दौरान चार से पांच बार यह लोग आस-पास के इलाकों में दवा बेचते नजर आते है। जानकारी के मुताबिक इनका दवा फायदा करे या न करे उस बात की कोई गारंटी नही रहती न ही दवा को यह वापस लेते है। जब इस सम्बन्ध में इन खानदानी दवा विक्रेताओं से बात की गई तो उनका कहना था कि वह खानदानी दवा बेचने वाले है पुस्तैनी धंधा को वह अपना रोजगार बनाये हुए है। उन्होंने बताया कि उनके दुकानों का कोई रजिस्ट्रेशन या कोई वैध दस्तावेज नही है। वह मात्र अपने पूर्वजों के बताए हुए हुनर से लोगों का अचूक इलाज करते है। अपनी बातों से मुकरा वैद्य मामले की तह तक पहुंचने के लिए जब एक व्यक्ति को पीडि़त बनाकर उनके पास भेजा गया तो वह गुप्तरोग का बेहतर इलाज करने का दावा किया। साथ ही अपने इलाज का समय बताकर लेन देन की बात भी की। लेकिन जैसे ही यह बात मीडिया की हैसियत से पूंछी जाने लगी तो कथित वैद्य ने साफ-साफ इंकार कर कहा कि वह गुप्तरोग का इलाज नही करते पेट मरोडऩे, चर्मरोग आदि की दवा देते है। जबकि उनके पंडालों में स्पष्ट रूप से टंगे बैनर यह बता रहे थे कि वह गुप्तरोगो का इलाज भी करते है।
होगी प्रभावी कार्रवाई
इस पूरे मामले थाना प्रभारी राजेशचंद्र मिश्रा का कहना था कि वह ऐसी गतिविधियों को रोकने का प्रयास सूचना मिलते ही करेंगे। वर्तमान में खानदानी दवाखाना संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई कर क्षेत्र से बाहर भगाने का आश्वासन भी उनके माध्यम से दिया गया।

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