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उमरिया

नान प्रबंधक के करतूतों की जांच प्रारंभ

पैसा न देने पर धान व गेहूं रखवाते हैं मैदान में जांच दल ने दर्ज किया लालू का बयान

उमरियाSep 03, 2018 / 05:08 pm

shivmangal singh

Non-managerial proceedings begin

नान प्रबंधक के करतूतों की जांच प्रारंभ

उमरिया. माह अगस्त में किसानों द्वारा एक विशाल रैली निकालकर कलेक्टर का घेराव करते हुए नान प्रबंधक को हटाए की मांग की थी। किसानों ने उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए ज्ञापन सौपा था। जिस पर कार्रवाई करते हुए शनिवार को जांच दल आया हुआ था जिसमें किसान अध्यक्ष लालू के कथन लिए गए। लालू ने बताया कि धान व गेहूं रखवाने के एवज में किसानों को प्रतिबोरी के हिसाब से पल्लेदारी की राशि देनी पड़ती है अगर पैसे नहीं दिए जाते हैं तो जिला प्रबंधक द्वारा धान व गेहूं को मैदान में ही रखवाया
जाता है।
इतना ही नहीं किसानों को धमकाया भी जाता है और कई तरह से परेशान किया जाता है। जिसकी शिकायत लालू प्रसाद यादव पिता बित्तूलाल निवासी पाली ने लिखित में की थी। जिला प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए कहा कि चंदिया लेम्पस में अपनी उपज की धान एवं गेहूं बेचता है, जिसमें हमे एवं सभी कृषकों को पल्लेदारी की राशि प्रतिबोरी के हिसाब से देना पड़ता है अगर पैसा नहीं देते है तो मधुसूदन उपाध्याय के दवाब के कारण उनकी उपज धान व गेहूं आठ-नौ दिन तक मैदान में रखा रहता है।
जिला प्रबंधक मधुसूदन उपाध्याय द्वारा कई बार सोसायटियों में आकर धमकाते रहते हैं कि जो पैसा नहीं देगा उसका माल रिजेक्ट कर दूंगा। ये लगातार धान एवं गेहूं की फसल में हुआ है।
कृषकों ने सांसद के पास इस बात की शिकायत की, लेकिन उनके द्वारा बीते 16 मई को पत्र क्र. 676/2018 के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया था तथा भाजपा के मंडल अध्यक्ष पत्र क्र. 135 दिनांक 20 जुलाई 018 को प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे को भी अवगत कराया है। वहीं 8 जुलाई 018 को आशुतोष सदस्य विंध्य प्राधिकरण रीवा ने भी अपने पत्र क्र. 02 में खाद्य मंत्री को अवगत कराया था। मिथलेश मिश्रा जिला सदस्य, जिला पंचायत उमरिया द्वारा दिनांक 17 जुलाई को प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखा गया था। श्रीउपाध्याय के पैसे के आगे कोई सुनवाई नहीं हुई तब हम सभी किसान सीएम को कलेक्टर उमरिया के माध्यम से ज्ञापन सौपा था कि उपाध्याय को उमरिया से हटाकर उनरके भ्रष्टाचार की जांच कराई जाये। गवाह के रुप में मनोज राय, तेजीलाल यादव, सोने लाल, रामसोहावन आदि लोगों ने हस्ताक्षकर किए हैं।

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