उमरिया के 18 डूब प्रभावित गांव चिन्हित
बढऩे लगा मच्छरों का प्रकोप
Umaria’s 18 submersible marked village
उमरिया. कलेक्टर माल सिंह की अध्यक्षता में बाढ आपदा प्रबंधन की तैयारी बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आशीष वशिष्ट सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने संभावित बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में संबंधित विभाग के अधिकारियो को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए तथा दवाईयों के भण्डारण एवं मेडिकल टीम के गठन करने मुय चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया। बैठक में बताया गया कि संभावित 18 ग्राम डूब प्रभावित चिन्हित किए गए है, जहां पर बचाव दल की सूची होमगार्ड के सैनिकों की तैनाती, मोबाइल नंबर सहित अद्यतन करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि सहयोगी दलों की भी जानकारी एवं उनके मोबाइल नंबर रखे जाए। कलेक्टर ने संजय गांधी थर्मल पावर के अधिकारियो को निर्देशित किया कि बांध से पानी छोडने के पूर्व निचले इलाके को सूचित करें। ग्राम कोटवारों से मुनादी कराएं तथा संभावित स्थानों में अस्थाई शिविरों की भी व्यवस्था पूर्व से सुनिश्चित करे। उन्होने लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि सडक़ों की पुल पुलिया में चिन्हित कर खतरा का निशान व बोर्ड तथा सूचना पटल लगाए। उन्होने जिले के जनपद पंचायतों के मुय कार्यपालन अधिकारियो से कहा है कि अपने अपने क्षेत्रों में खतरा वाले स्थान चिन्हित कर पूर्व से सूची तैयार करें ताकि अचानक होने वाली बाढ़ से निपटा जा सके। उन्होने जिलेवासियो से कहा है कि वर्षा ऋतु में गंदा पानी नही पीएं, मलेरिया के रोकथाम हेतु आवश्यक उपाय सुनिश्चित करे तथा वर्षा जनित बीमारी एंटी प्वाइजन की दवा सभी अस्पतालों में रखवाना सुनिश्चित करें। पशुओ मे होने वाली बीमारियों के बचाव के इंतजाम एवं दवा इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था करे तथा बाढ़ मे फंसे पशुओ के सुरक्षा के एवं चारा भूसा के भी इंतजाम करे।
उमरिया. बारिश के साथ अब मच्छरों की फौज बढ़ती जा रही है। साथ ही मलेरिया के रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। ग्रामीण जनों के पास मलेरिया विभाग की टीम द्वारा कोई दौरा नहीं किया जा रहा है, जिससे मलेरिया की भयावहता और बढ़ रही है। पिछले साल ही कई रोगियों को डेंगू की बीमारी होने पर जिले से बाहर जाकर अपना ईलाज करवाना पड़ा था। इसे देखते हुए जरूरी यह था कि विभाग पहले से मच्छरों पर नियंत्रण के लिए अपनी टीम बना कर इसकी रोकथाम के उपाय करे। पता चला है कि मलेरिया अधिकारी केवल अपने कर्तव्य को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक ही सीमित रखे हुए है। इससे मलेरिया विभाग का प्रमुख कार्य गांव-गांव में जाकर मलेरिया की स्थिति को नियंत्रण करना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। शिकायत के अनुसार फायलेरिया उन्मूलन के नाम पर टीकमगढ़ से जिन दवाईयों को मंगवाया उसके लिए जरूरत से ज्यादा डीजल का भुगतान करवा दिया गया। डीजल की अधिक मात्रा के दुरूपयोग की शिकायत मुख्यमंत्री से की गयी है। इसी प्रकार स्टेशनरी का भुगतान और खरीदी जिले को छोडक़र सागर से की जा रही है। मलेरिया पीडि़त रोगियों का कहना है कि विभाग प्रमुख जब अन्य कार्यों में व्यस्त रहेगें तो गांवों में मलेरिया की स्थिति पर नियत्रंण कैसे हो सकता है। अधिकारी अब कह रहे हैं कि जल्दी ही टीम का गठन करके मलेरिया नियंत्रण की कोशिश की जाएगी। पिछले साल की तुलना में अभी तक मलेरिया रोगियों की संख्या अप्रत्याशित वृद्धि देखी गयी है। जिस प्रकार से ग्रामीण जन मलेरिया से ग्रस्त हो रहे हैं, उसे देखते हुए जल्दी ही कार्य करने की जरुरत हैं।
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