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उमरिया

देशी बीज को संरक्षित करने का उठाया बीड़ा, ग्रामीणों ने बनाया बीज बैंक

42 किसानों ने 65.5 एकड़ भूमि में बीज बैंक के बीजों से की खेती

उमरियाJul 31, 2020 / 06:45 pm

ayazuddin siddiqui

Villagers built seed bank to protect indigenous seed

Villagers built seed bank to protect indigenous seed

उमरिया. जिले के आकाश कोट क्षेत्र के 2 गांव ग्राम पंचायत बिरहुलिया के करौंदी एवं ग्राम पंचायत धवईझर के जंगेला के ग्रामीणों ने विकास संवाद समिति भोपाल एवं जेनिथ यूथ फाउंडेशन के सहयोग से अपने गांव में समुदाय का बीज बैंक स्थापित कर समय पर गुणवत्तायुक्त बीज न मिलने की समस्या का समाधान निकाला है। करौंदी के बालगोविन्द सिह ने बताया कि दस्तक परियोजना द्वारा 2016 -17 में हमे बीज दिया गया था। जिससे हमने अपने गांव में बीज बैंक स्थापित किया है। धीरे -धीरे किसान जुड़ते गए और बीज बैंक सुचारू रूप सी चलने लगा। वर्ष 2017-18 में वर्षा अपेक्षाकृत कम हुई। किसानो के पास व बीज बैंक का बीज भी नहीं लौटा। किसानो ने किसी तरह बीज लेकर खेती की और जैसे ही फसल तैयार हुई उन्होंने बीज बैंक से लिया बीज वापस किया। इस तरह अच्छे बुरे अनुभवों के साथ हमारे गांव का बीज बैंक संचालन होने लगा। अब जिन किसानो के पास बीज नहीं होता वे बीज बैंक की सदस्यता लेते हैं और सीजन में बीज की मांग करते हैं। दोनों बीज बैंक का संचालन बीज बैंक समिति द्वारा किया जाता है। बीज बैंक समिति बीज वितरण से लेकर उसे वापस लेना साफ-सफाई छानना-बीनना अनाज से बीज तैयार करने की पूरी प्रक्रिया चलाता है। बीज वितरण से पहले दोनों गांव के बीज बैंक समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बीज बैंक में बीज की मात्रा एवं गुणवत्ता आदि का निरीक्षण किया गया व उपलब्ध बीजो की सूची बनाई गई। बीज बैंक समिति द्वारा गांव के सभी किसानों को बीज बैंक में उपलब्ध बीजों की मात्रा प्रकार आदि की जानकारी घर-घर जाकर दी गई एवं खरीफ सीजन 2020 के लिए धान , उडद, अरहर, तिल, कोदो, कुटकी, रमतिला एवं मक्का के बीजों का वितरण किया। दोनों बीज बैंकों में 15 नई एवं 27 पुराने किसानों ने बीज की मांग की और मांग के आधार पर किसानों को धान, उडद, अरहर, तिल, कोदो, कुटकी, रमतिला, मक्का वितरित किया गया। जिसे किसानों द्वारा अपने 29 एकड़ भूमि में धान, 5 एकड़ भूमि में उडद, 12 एकड़ भूमि में अरहर, 2.5 एकड़ भूमि में तिल, 5 एकड़ भूमि में कोदो, 7.5 एकड़ भूमि में कुटकी, 2 एकड़ भूमि में रमतिला एवं 2.5 एकड़ भूमि में मक्का कुल 42 किसानों द्वारा अपने 65.5 एकड़ भूमि में खेती की गई।

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