इको सेंसटिव जोन की कार्य योजना पर हुई चर्चा बांधगवढ ईको सेंसटिव जोन में प्रदूषण करने वाली गतिविधियां होगी प्रतिबंधित
उमरिया•Dec 03, 2020 / 06:31 pm•
ayazuddin siddiqui
Wildlife and forest will have to be conserved to maintain the existence of National Park
उमरिया. बांधवगढ नेशनल पार्क उमरिया जिले की पहचान है। इसके माध्यम से जिले की आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों को गति मिलती है। साथ ही पर्यटन के माध्यम से स्थानीय लोगो ंको रोजगार भी मिल रहा है। आगें भी यह सुविधाएं मिलती रहे इसके लिए कोर एवं बफर के ग्रामों में वन्य जीवों तथा जंगल के अस्तित्व को बनाये रखने की जरूरत है तथा इसके लिए कुछ त्याग भी करना पड़े तो हम सबकों तैयार रहना चाहिए। उक्त आशय के विचार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बांधवगढ नेशनल पार्क ताला स्थित परिस्थितिकीय तंत्र सभागार में इको सेंसटिव जोन की कार्य योजना पर चर्चा करते हुए व्यक्त किए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता, संयुक्त संचालक नेशनल पार्क नावेंदु शेखर, एसडीएम मानपुर सिद्धार्थ पटेल, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय , ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, जल संसाधन, उप ंसचालक कृषि, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, एपीसी सुशील मिश्रा, जनपद पंचायत मानपुर के सीईओ सुरेंद्र तिवारी, कोर तथा बफर जोन से लगी ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव तथा रोजगार सहायक उपस्थित रहे। कार्य योजना तैयार करनें में संलग्न संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि इको सेंसटिव जोन में आने वाले ग्रामों में पंचायत द्वारा किए जाने वाले कार्यो में कोई प्रतिबंध प्रस्तावित नहीं किया गया है। पेयजल, सिंचाई हेतु ड्राप ऐरिगेशन तथा स्ंिप्रकलर, जैविक खेती को बढावा, टूरिज्म प्रोमेशन तथा स्थानीय लोगों द्वारा तैयार की जाने वाली कलाकृतियों एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को यथावत चालू रखने और उन्हें प्रोत्साहित करनें करने के प्रावधान समाहित किए गए है। उन्होने बताया कि इन ग्रामों में माइनिंग, कृषि, वायु प्रदूषण करने वाली गतिविधियां या उद्योग, आरा मिल पर प्रतिबंध तथा कुछ क्षेत्रों में होटल या रिसार्ट को प्रतिबंधित किया गया है। पनपथा, हरदी तथा चेचापुर में टूरिज्म प्रमोशन जोन के रूप मे चिन्हित किया गया है। इसके लिए नये रिसार्ट प्रारंभ करने ंके लिए ग्रांट कव्हरेज, प्लाट साईज, रिसार्ट की उंचाई, वृक्षारोपण, हरियाली, पार्किग, सोलर एनर्जी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा घर घर कचरा संग्रहण जैसी गतिविधियों के साथ नक्शा मंजूरी को अनिवार्य बनाये जाने की सिफारिश प्लान में की गई है।