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प्रपोज का हो ये अंदाज तो जुड़ेगी दिलों की डोर

यूं तो प्यार के लिए किन्हीं अल्फाज की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह किसी सरहद और भाषा की बंदिश से बहुत ऊपर होता है, लेकिन अगर बात दिल से निकले तो उसे पहुंचाना भी जरूरी होता है। 

Feb 04, 2015 / 07:23 am

प्रपोज डे (8 फरवरी)
यूं तो प्यार के लिए किन्हीं अल्फाज की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह किसी सरहद और भाषा की बंदिश से बहुत ऊपर होता है, लेकिन अगर बात दिल से 

निकले तो उसे पहुंचाना भी जरूरी होता है। ऐसे में अल्फाज ही आपकी मुहब्बत को मुकम्मल बनाते हैं। दिल के जज्बात महबूब तक पहुंचाने का खास दिन है प्रपोज डे। 

कहा जाता है कि वक्त गुजरने में वक्त नहीं लगता। जो बात आपको आज कहनी चाहिए, अगर उसके लिए बहुत लंबा इंतजार किया तो मुमकिन है तब तक यह तस्वीर कुछ और बदल जाए। 

इसलिए अपने दिल की बात आज ही कह दीजिए। जरूरी नहीं कि इसके लिए आपको बहुत गोलमोल बातें बनानी आएं। आप संक्षिप्त लेकिन असरदार तरीके से भी अपनी बात कह सकते हैं। 

जमाना बदला है तो क्या हुआ, प्यार के लफ्ज और उनका मतलब तो आज भी वही हैं! पहले इश्क के इजहार का सबसे अहम जरिया खत हुआ करते थे। अब इसमें थोड़ी तब्दीली आ गई। 

स्मार्टफोन और लैपटॉप ने दिलों की बात आसानी से कहना मुमकिन बना दिया, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि प्यार एटीएम नहीं होता जिसमें कार्ड डालने के तुरंत बाद पैसा बरसेगा। थोड़ा सब्र करना भी सीखें। 

दिल की बातों को जुबां पर लाने का जो जरिया बेहतर लगे उसे अपनाइए। कहीं मुट्ठी में बंद रेत की तरह वक्त गुजर गया तो उन लम्हों को जी पाना और वापस लाना दुनिया की बड़ी से बड़ी दौलत के दम से भी बाहर है। 

वैसे तो प्रपोज डे खुद में ही बहुत खास होता है लेकिन उन लोगों के लिए इस दिन की अहमियत ज्यादा होती है जो रोज डे को गुलाब के जरिए अपनी भावनाओं का इजहार नहीं कर सके। 

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