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बीसीसीआई की गलती से टूटा सात खिलाडि़यों का ‘इंडिया कैप’ का सपना

श्रीलंका के कोलंबो में 13 से 24 दिसंबर के बीच होने जा रहे अंडर-19 यूथ
एशिया क्रिकेट कप के लिए टीम चयन के दौरान योग्य खिलाडि़यों की जन्मतिथि का
आकलन नहीं करने के चलते सात युवा क्रिकेटरों को एक महीने तक ‘इंडिया कैप’
पहनने का सपना देखने के बाद अचानक गुरुवार को उनसे यह हक छीन लिया।

Dec 02, 2016 / 03:14 pm

Kuldeep

Bcci denied lodha commitee ban, agm organised at 2

Bcci organised agm at 21st September after lodha commetiee baned

नई दिल्ली। अपने कार्यकलापों में पारदर्शिता नहीं होने को लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट के सवालों के घेरे में खड़े भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए उसके कुछ अधिकारियों की लापरवाही ने उसकी मुसीबत बढ़ाने का काम कर दिया है। श्रीलंका के कोलंबो में 13 से 24 दिसंबर के बीच होने जा रहे अंडर-19 यूथ एशिया क्रिकेट कप के लिए टीम चयन के दौरान योग्य खिलाडि़यों की जन्मतिथि का आकलन नहीं करने के चलते सात युवा क्रिकेटरों को एक महीने तक ‘इंडिया कैप’ पहनने का सपना देखने के बाद अचानक गुरुवार को उनसे यह हक छीन लिया।

एक महीना तक मनाते रहे खुशियां
करीब एक महीने पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर्नामेंट की भारतीय टीम के लिए 15 अंडर-19 क्रिकेटरों का चयन किया था। गुरुवार को बेंगलुरू में शुक्रवार से शुरू होने जा रहे अभ्यास शिविर से ठीक पहले इनमें से सात खिलाडि़यों को बताया गया कि गलती से उनकी उम्र थोड़ी ज्यादा होने के बावजूद उन्हें चुन लिया गया था और अब उन्हें टीम से निकाला जा रहा है। इन सातों क्रिकेटरों की जगह नए खिलाडि़यों का चयन भी कर लिया गया है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक बड़ी गड़बड़ी थी। किस्मत से इसका पता समय रहते ही चल गया। अगर टीम श्रीलंका चली जाती तो और तब हमें पता लगता तो हालात बद से बदतर हो जाते। चयनकर्ताओं को तुरंत इस बारे में बताया गया और जल्दी से उन सात खिलाडि़यों की जगह नए नाम चुने गए।


इस तरह से हुई गलती
दरअसल बीसीसीआई से टूनार्मेंट में खेलने की पात्रता के लिए खिलाडिय़ों की जन्मतिथि की कट ऑफ डेट समझने में गड़बड़ हो गई थी। एशियन क्रिकेट काउंसिल की तरफ से भेजी गई ई-मेल के मुताबिक, टीम में सभी खिलाड़ी 1-9-1998 के बाद की जन्मतिथि वाले होने चाहिए, वहीं बीसीसीआई ने इसे 19 साल का हिसाब लगाते हुए 1997 समझ लिया और उसी हिसाब से चयनकर्ताओं और बोर्ड के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को टीम चयन के लिए कहा गया। बीसीसीआई को जैसे ही गलती का पता लगा उसने नई टीम के संबंध में कोई भी प्रेस रिलीज जारी ना करते हुए गोपनीय तरीके से ऑफिशयल वेबसाइट पर खिलाडिय़ों के नाम बदल दिए।

ये हैं सातों अभाग्यशाली
दिग्विजय बिरंदर रांगी (हिमाचल प्रदेश), चंदन साहनी (हैदराबाद), डेरिल एस. फेरारियो (केरल), संदीप के. तोमर (यूपी), ऋषभ भगत (पंजाब), सिमरजीत सिंह (दिल्ली) और इजहान अशफाक सैय्यद (महाराष्ट्र)।

इनकी खुली लॉटरी
हिमांशु राणा, सलमान खान, हार्विक देसाई, यश ठाकुर, हेराम्ब पाराब, विवेकानंद तिवारी और हैट पटेल।

कर चुके थे तैयारी
ये सातों खिलाड़ी एशिया कप के लिए पूरी तैयारी कर चुके थे। यूपी अंडर-19 टीम के कप्तान संदीप तोमर के लिए तो यह पहला विदेश दौरा था। इसके चलते उन्होंने अपना पासपोर्ट बनवाया था और उस पर वीजा भी लगा दिया गया था। मेरठ के रहने वाले संदीप सिर्फ 8 दिन से टीम इंडिया की नीली पोशाक पहनने का सपना पूरा करने से चूक गए।

संदीप का कहना है कि यह मेरे लिए बड़ी खुशी का मौका था, लेकिन अब मैं उतना ही दुखी हूं। मेरा वीजा लग चुका था, पासपोर्ट जमा हो चुका था। मैं बेंगलुरू जाने को तैयार था। मेरी मां का कहना है कि चिंता करने की जरूरत नहीं है, यदि तुम्हारे भाग्य में होगा तो तुम्हे दोबारा मौका मिलेगा। लेकिन मैं इंडिया कैप सिर्फ 8 दिन से चूकने से दुखी हूं।

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