मौके पर बैठे एजेंसी के जिला प्रभारी ने बताया कि आज से डीजल के कारण बंद पड़ी एंबुलेंस सेवा फिर से शुरू हो गई हैै। इस संबंध में 3 बजकर 8 मिनट पर बात करने पर 108 नंबर ने बताया कि एंबुलेंस आने में आधा से एक घंटा तक लग सकता है, इसलिए यदि इमरजेंसी ना हो तो इंतजार कर लें। बातचीत के दौरान जानकारी मिली कि डीजल के कारण ही 108 और 102 एंबुलेंस के पहिये थम गए थे।
आम लोगों के बीच लोकप्रिय 108
आम लोगों के के बीच लोकप्रिय हो चुकी 108 व 102 नंबर एंबुलेंस सेवा अनियमितताओं की गिरफ्त में आ चुकी है। विगत दो दिनों से 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के पहिए डीजल ना मिलने के कारण नहीं घूमें। इस दौरान 108 टोल फ्री नंबर बिजी जाता रहा, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतें हुई। सड़क पर होने वाले दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के घायल को पहुंचाने में 108 नंबर सबसे ज्यादा मददगार साबित होती है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मदद करती है। केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क यह सेवा अन्य सेवाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रही है, जिसमें कोई भी व्यक्ति 108 पर फोन करके किसी दूसरे व्यक्ति की मदद कर सकता है, जो घायल सड़क पर तड़प रहा है, वहां तक 108 पहुंचकर मरीज को अस्पताल में भर्ती करा देता है। प्राथमिक उपचार मिलने के कारण कई मामलों में मरीजों की जान भी बच गई है। लोकप्रियता की पराकाष्ठा पर पहुंचकर डीजल के अभाव में एंबुलेंस के पहिये थमने से शासन की किरकिरी हो रही हैं। मार्ग पर होने वाले दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के घायलों को पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आम लोगों के के बीच लोकप्रिय हो चुकी 108 व 102 नंबर एंबुलेंस सेवा अनियमितताओं की गिरफ्त में आ चुकी है। विगत दो दिनों से 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के पहिए डीजल ना मिलने के कारण नहीं घूमें। इस दौरान 108 टोल फ्री नंबर बिजी जाता रहा, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतें हुई। सड़क पर होने वाले दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के घायल को पहुंचाने में 108 नंबर सबसे ज्यादा मददगार साबित होती है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मदद करती है। केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क यह सेवा अन्य सेवाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रही है, जिसमें कोई भी व्यक्ति 108 पर फोन करके किसी दूसरे व्यक्ति की मदद कर सकता है, जो घायल सड़क पर तड़प रहा है, वहां तक 108 पहुंचकर मरीज को अस्पताल में भर्ती करा देता है। प्राथमिक उपचार मिलने के कारण कई मामलों में मरीजों की जान भी बच गई है। लोकप्रियता की पराकाष्ठा पर पहुंचकर डीजल के अभाव में एंबुलेंस के पहिये थमने से शासन की किरकिरी हो रही हैं। मार्ग पर होने वाले दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के घायलों को पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीजल की समस्या का हुआ समाधान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र कुमार ने बताया कि आज मैंने स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण कर एंबुलेंस के संबंध में जानकारी ली, जहां एंबुलेंस अच्छी तरह सेवा दे रही है। डीजल न मिलने के कारण 2 दिन सेवा डिस्टर्ब रही। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस सेवा की पूरी जिम्मेदारी लखनऊ की संस्था को दी गई है, जिसके माध्यम से यह व्यवस्था संचालित होती है। उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि डीजल के अभाव में एंबुलेंस की सेवा बाधित है। मोबाइल पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने एंबुलेंस का कार्य देख रहे डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज सौरव कुमार से बात कराई। डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज सौरव कुमार ने बताया कि डीजल की समस्या का समाधान हो गया है और एंबुलेंस फिर पहले की तरह मरीजों की सेवा में लग गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र कुमार ने बताया कि आज मैंने स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण कर एंबुलेंस के संबंध में जानकारी ली, जहां एंबुलेंस अच्छी तरह सेवा दे रही है। डीजल न मिलने के कारण 2 दिन सेवा डिस्टर्ब रही। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस सेवा की पूरी जिम्मेदारी लखनऊ की संस्था को दी गई है, जिसके माध्यम से यह व्यवस्था संचालित होती है। उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि डीजल के अभाव में एंबुलेंस की सेवा बाधित है। मोबाइल पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने एंबुलेंस का कार्य देख रहे डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज सौरव कुमार से बात कराई। डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज सौरव कुमार ने बताया कि डीजल की समस्या का समाधान हो गया है और एंबुलेंस फिर पहले की तरह मरीजों की सेवा में लग गई है।