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उन्नाव

शिक्षा विभाग में फर्जी मार्कशीट से नियुक्ति, 2006 से कर रहा था बच्चों को शिक्षित करने का काम

– एसटीएफ की जांच में हुआ खुलासा
– लखनऊ विश्वविद्यालय ने मार्कशीट को बताया फर्जी

उन्नावJul 02, 2020 / 06:57 pm

Narendra Awasthi

शिक्षा विभाग में फर्जी मार्कशीट से नियुक्ति, 2006 से कर रहा था बच्चों को शिक्षित करने का काम

शिक्षा विभाग में फर्जी मार्कशीट से नियुक्ति, 2006 से कर रहा था बच्चों को शिक्षित करने का काम

उन्नाव. एसटीएफ की जांच में प्राइमरी शिक्षक द्वारा B.Ed की कूट रचित मार्कशीट से नौकरी करने का मामला सामने आया है। यह शिक्षक विगत 14 वर्षों से शिक्षा विभाग में मनमानी तरीके से नौकरी किया है और कई बार इसके खिलाफ जांच भी बैठी है। एसटीएफ लखनऊ से मिली जानकारी के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। बीएसए के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक के खिलाफ संगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया है।

 

बीएसए ने एसडीआई को दिया आदेश

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे ने बताया कि सुमेरपुर द्वारा दा जानकारी दी गई की ओम प्रकाश पुत्र अर्जुन विश्वकर्मा कूट रचित मार्कशीट बनाकर शिक्षा विभाग की नौकरी कर रहा हैं। इसका खुलासा लखनऊ एसटीएफ की जांच में हुआ। इस संबंध में लखनऊ एसटीएफ ने बीएसए उन्नाव को जानकारी दी कि ओमप्रकाश द्वारा विभाग को दी गई मार्कशीट फर्जी और कूट रचित है। ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। एसटीएफ के अनुसार परीक्षा नियंत्रक लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के द्वारा जानकारी दी गई B.Ed परीक्षा 2002 अनुक्रमांक 243 054 पर विनोद कुमार पुत्र डी. दयाल का नाम दर्ज है और द्वितीय श्रेणी से पास है।

 

एसटीएफ की जांच में हुआ खुलासा

कार्यालय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा नियंत्रक लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ ने जानकारी दी है कि ओमप्रकाश पुत्र अर्जुन के B.Ed के अंक पत्र प्रमाण पत्र कूट रचित और फर्जी पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा वर्ग कर्मचारी नियमावली का प्रयोग करके ओम प्रकाश सहायक शिक्षक उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सरियापुर विकासखंड सुमेरपुर की नियुक्ति आरंभ से ‘शून्य’ मानी जाएगी। नियुक्ति तिथि 3 जनवरी 2006 को समाप्त की जाती है तथा भविष्य में परिषदीय सहायक शिक्षक सेवा हेतु अयोग्य घोषित किया जाता है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे ने खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि ओमप्रकाश के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करा और प्राप्त वेतन के रूप में आहरित की गई धनराशि की रिकवरी सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि यदि उक्त आदेश से ओमप्रकाश असहमत हैं तो सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के समक्ष अपील कर सकते हैं।

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