केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम मंगलवार सुबह लगभग 10:00 बजे सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में पहुंची। जहां उन्होंने दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां को साथ लेकर माखी थाना पहुंची। माखी थाना के आगंतुक कक्ष में सीबीआई के सदस्यों ने पीड़िता और उसकी मां से अलग-अलग बातचीत की। इस दौरान सीबीआई टीम के सदस्यों ने माखी थाना के दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया। जबकि तीसरी टीम अपने गांव का भ्रमण करते हुए लोगों से पूछताछ और बातचीत की। सीबीआई टीम के सदस्य पीड़िता उसकी मां को लेकर विधायक के निवास स्थान पर गए। जहां पर पीड़िता ने विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। वहीं बाद में सीबीआई टीम पीड़िता को उसके घर भी ले गई। इस दौरान उन्होंने घर का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण और पूछताछ के दौरान मीडिया को दूर रखा गया।
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा द्वारा सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में सुविधाओं के अभाव को लेकर उठाई गई आवाज पर जिला प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले सका। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने बताया था कि गेस्ट हाउस में न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही पानी की। उन्होंने इसे जेल करार दिया था। उन्होंने बताया कि जेल में भी समय से खाना मिल जाता है। लेकिन यहां तो वह भी नहीं मिलता। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने जिला प्रशासन से मांग की थी कि उनके रहने की व्यवस्था की जाए। खाना पीना हुआ खुद अपने हाथ से बनाकर खाएंगे। बातचीत के दौरान सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी पर भी दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने सवाल उठाया था। किसी से मिलने जाने के लिए उन्हें जिला प्रशासन से परमीशन लेनी पड़ती है, जिसमें कई घंटे निकल जाता है। प्रशासन से उन्होंने मांग की थी कि सुरक्षा-व्यवस्था की जाए लेकिन उनके आवागमन में किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाया जाए। समाचार लिखे जाने तक दुष्कर्म पीड़िता और उसका परिवार सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में मौजूद है।