2005 के बाद आंदोलन हुआ लेकिन बदलाव नहीं आया 2004 में केंद्र सरकार ने पेंशन बंद किया। 2005 में प्रदेश सरकार ने बंद कर दिया। आज 2018 तक इसमें कोई बदलाव नही आया। उन्होने कहा कि यह संघर्ष पेंशन बहाली तक जारी रहेगी। श्री बाजपेयी ने कहा कि अगला कार्यक्रम आठ अक्टूबर को लखनऊ में महारैली के रूप में होगी। हम ऐसे हालात उत्पन्न करेगें कि उन्हे पेंशन देना पड़ेगा। हम उनके जबड़े से पेंशन छीन कर लायेगे। जो पेंशन हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा। उन्होने कहा रेलवे जैसा बड़ा संघठन आपके साथ खडा हो चुका है। नवम्बर माह का महिना आपके लिये सुखद होगा। आज दूसरे चरण का आन्दोलन में मुख्यमंत्री को संबोंधित ज्ञापन सोंपा। इस मौके पर ब्रजेश पाण्डेय, गजेन्द्र वर्मा, राघवेंद्र सिंह, त्रिलोकी वर्मा, हैदर हसन, कोशल किशोर त्रिवेदी, प्रेम कुमार सिंह, सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। कर्मचारी हड़़ताल को देखते हुये सभी सरकारी विभागों में कामकाज ठप रहा। आरटीओ ऑफिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कलेक्ट्रेट, विकाश भवन आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर काम काज पूरी तरह से बंद रहा। तहसील में काम पूरी तरह प्रभावित रहा।