मामला सदर कोतवाली (sadar kotwali) क्षेत्र से जुड़ा है। मुख्यमंत्री(CM) के जनसुनवाई पोर्टल (JAN SUNWAI PORTAL) पर विमलेश कुमार राजपूत पुत्र साहेब लाल निवासी गंगा खेड़ा डीह, कोतवाली सदर ने बताया है कि उसने पिकअप लोडर खरीदा था। 2 साल बाद जब गाड़ी का फिटनेस (fitness) कराने गए तो पता चला 2015 में गाड़ी के खिलाफ कोई मुकदमा पंजीकृत है। जबकि उन्होंने गाड़ी 2017 में खरीदी है। गाड़ी पर मुकदमा होने के कारण गाड़ी का फिटनेस नहीं हो पा रहा है। एआरटीओ (ARTO) कार्यालय में कहा जाता है कि पहले चालान खत्म कर आइए। जबकि उन्हें इस विषय में कुछ भी मालूम नहीं है। इस विषय में उन्होंने जिलाधिकारी (DM), पुलिस अधीक्षक (SP), एआरटीओ (ARTO) सहित मुख्यमंत्री (CM) को भी शिकायती पत्र भेजा है लेकिन समस्या का निवारण नहीं हुआ।
इस संबंध में कार्यालय सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर भूल सुधार करने की वकालत की है। अपने पत्र में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया है कि यूपी 35T – 9942 पिकअप लोडर (pick-up loader) का रजिस्ट्रेशन उन्नाव कार्यालय में दिनांक 4 मई 2017 को हुआ था। वाहन स्वामी द्वारा वाहन को कार्यालय में फिटनेस नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत किया गया। तो कंप्यूटर अभिलेख में वाहन नंबर डालने पर वाहन एनसीआरबी में लॉक दर्ज दिखा रहा है। जिसका क्राइम नंबर 31674 322 015 664 एवं एफ. आई. आर. नंबर 664/ 2015 दिनांक 17.06 2015 थाना कोतवाली है। जिसके कारण उक्त वाहन का फिटनेस नवीनीकरण नहीं हो रहा है। उन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि उक्त वाहन पर ऑनलाइन दर्ज एनसीआरबी एवं एफआइआर की जांच करा कर प्रकरण को निस्तारित करें। जिससे कि ऑनलाइन लॉक हटने के उपरांत उक्त वाहन की फिटनेस हो सके। उप संभागीय परिवहन अधिकारी उपरोक्त पत्र पुलिस अधीक्षक को भेजकर गेंद पुलिस अधीक्षक के पाले में डाल दी अब पीड़ित वाहन स्वामी फिटनेस ना होने के कारण वाहन घर में खड़ी किए हैं और आरटीओ ऑफिस तो कभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय तो कभी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच अपनी फरियाद लगा रहा है सरकारी तंत्र पीड़ित की फरियाद में हां में हां तो मिल आता है लेकिन सुधार नहीं कर रहा है।