मृतक पुती सिंह की छोटी बहन विवाहिता सुधा सिंह ने बताया कि –
भैया के जाने के बाद सारी जिम्मेदारी छोटी बहन स्वाति सिंह पर आ गई है। भैया ने कभी किसी चीज की कमी महसूस होने नहीं दी। हमेशा उन लोगों की इच्छाओं को पूरा करते थे। अपने लिए कभी कुछ नहीं लाते थे उनके कपड़े भी हम बहने ही खरीद कर देती थी। उनकी शादी हो चुकी है। अब परिवार की सारी जिम्मेदारी छोटी बहन स्वाति सिंह पर आ गई है। जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ा कर परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है। बातचीत के दौरान कई बार बहनों और माता की आंखों में आंसू आ गए। जवान मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी। ऐसे में बिना कहे आंखों के बहते आंसू बहुत कुछ कह गए।
घर में सबसे छोटी तनु सिंह ने बताया कि
भैया उनकी पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित थे। कहते थे, अच्छे नंबरों से पास हो जाओ टच मोबाइल खरीद कर दे देंगे। बहुत प्यार करते थे कहते-कहते आंखों में आंसू आ गए…। तनु सिंह घर में सबसे छोटी और अपने भैया की दुलारी भी। बात-बात पर उसकी आंखों से आंसू निकल आते थे। उन्होंने कहा कि चालान से बड़ी जिंदगी है। सरकार को चालान से ज्यादा जिंदगी बचाने का प्रयास करना चाहिए। मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने चाहिए।
ना तो सिक्योरिटी एजेंसी पैरग्राइन और ना ही फैक्ट्री प्रबंधन ने कोई आर्थिक मदद दी
गुरुग्राम में हुए सड़क हादसे मैं परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य के हमेशा के लिए जाने के बाद हुए नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है लेकिन आर्थिक मदद से परिवार की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है 4 महीने बीतने के बाद भी ना तो फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से कोई मदद मिली और ना ही सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी पैरग्राइन की तरफ से परिवार वालों को आर्थिक मदद मिली है।
परिवार को अभी शौचालय भी नसीब नहीं हुआ
यहां तक कि मोदी और योगी की महत्वाकांक्षी योजना खुले में शौच से मुक्त करने की योजना का लाभ भी इन्हें नहीं मिला। इन्हें शौचालय से लाभान्वित अभी तक नहीं किया गया। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी से पत्रिका संवाददाता बातचीत कर जानकारी थी तो उन्होंने कहा अति शीघ्र इन्हें शौचालय मिल जाएगा। शासन की तरफ से परिवार के कमाऊ सदस्य की मौत पर आर्थिक मदद देने की भी योजनाएं हैं। जिनका भी लाभ अभी तक इन्हें नहीं मिला है। इसके लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को नीरस, उदासीनता, लापरवाही, बेपरवाह, भ्रष्ट आदि चाहे जितने शब्दों से नवाजा जाए कम है।