दिहाड़ी कम मिलने पर हुआ विवाद
इस दौरान दोनों में विवाद हुआ। तो नसरीन ने नफीस को चप्पलों से मार कर भगा दिया। इसकी जानकारी नफीस के घर वालों को भी तो शिकायत लेकर नसीम के घर गए। 12 जुलाई 2013 की दोपहर को तौफीक अपने भाई शकील के साथ दुकान में बैठा था। उसी समय नसरीन का पति शमसुद्दीन अपने भाई मोइनुद्दीन, शफीउद्दीन, जीशान के साथ मौके पर पहुंचे और दुकान में बैठे दोनों भाइयों पर हमला बोल दिया। बीच-बचाव के लिए पहुंचे नफीस, जरीना, मुकीम की भी जमकर पिटाई कर दी। मारपीट में नफीस, शकील, मुकीम, जरीना को गंभीर चोटें आई थी। जिसमें शकील की मौत हो गई भी। इस संबंध में आईपीसी की धारा 302, 307, 323, 504, 506 में मुकदमा दर्ज किया गया था।
अदालत ने सुनाई सजा चल रहे हो गया
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नामजद अभियुक्त शमसुद्दीन, मैनउद्दीन, शफीउद्दीन पुत्र गण यासीन खान और जीशान पुत्र यूसुफ पर दोष सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 26-26 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से बीजेपी क्रिमिनल विनय शंकर दीक्षित का महत्वपूर्ण योगदान था।