scriptTrans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा | Trans Ganga City Project - how and how many farmers were compensated by the administration | Patrika News
उन्नाव

Trans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा

– आंदोलित किसानों ने लगाया प्लास्टिक पाइप गोदाम में आग, काले धुएं से पटा आसमान
– फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया
– जिलाधिकारी के नेतृत्व में पहुंचा प्रशासनिक अमला ने कराई गांव में मुनादी
– सपा शासन के दौरान अस्तित्व में आया आर्थिक जोन का नाम बदल हुआ ट्रांस गंगा सिटी
 

उन्नावNov 17, 2019 / 05:39 pm

Narendra Awasthi

Trans Ganga City - कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा

Trans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा,,,Trans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा,Trans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा

नरेंद्र नाथ अवस्थी

उन्नाव. ट्रांस गंगा सिटी 2003 में आर्थिक जोन के नाम से धरातल पर उतरा था। जिसे बदलकर बाद में ट्रांस गंगा सिटी कर दिया गया। नाम बदलने को भी लेकर किसान आशंका व्यक्त करते हैं कि इसमें भी बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। 2003 में सपा शासनकाल के दौरान अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। 2005 में बगैर सहमति और पूरा भुगतान के भूमि अधिग्रहित की ली गई। किसानों ने बताया कि 2008 में लखनऊ मंडल कमीशन कमिश्नर विजय शंकर पांडे ने यूपीसीडा द्वारा अधिकृत की गई भूमि प्रक्रिया में 5 ऑब्जेक्शन लगाते हुए किसानों की जमीन वापस करने कि की संस्तुति की। लेकिन शासन ने लखनऊ मंडल कमिश्नर के आदेशों का पालन नहीं किया।

 

बसपा शासन के दौरान कराया गया था समझौता का प्रयास

2011 में बसपा शासनकाल के दौरान तत्कालीन बसपा सांसद के प्रयासों से ₹551000 में समझौता हुआ। जिसका भुगतान 2012 – 13 में दिया गया। लेकिन सभी किसानों को तब भी नहीं मिल पाया। जिससे काफी किसान असंतुष्ट रह गए। असंतुष्ट किसानों ने आंदोलन का रास्ता चुना। जिसमें भुगतान प्राप्त कर चुके किसानों ने भी अपनी सहभागिता की। इसी बीच यूपीएसआईडीसी और किसान की तरफ से अजय अनमोल का नाम चर्चा में आया। जिसके खिलाफ किसान गंभीर आरोप लगाते हैं और कहते हैं मीडिएटर के रूप में किसानों का बहुत नुकसान कर अपनी जेब भर ली। यूपीसीडा के साथ अजय अनमोल के खिलाफ भी किसानों में जबरदस्त आक्रोश है।

 

किसानों के साथ महिलाएं बच्चों पर भी बरसी लाठी

चर्चा में आए ट्रांस गंगा सिटी परियोजना स्थल पर उस समय दहशत व्याप्त हो गया जब अज्ञात किसानों ने यूपीसीडा स्थल पर रखें प्लास्टिक के पाइप व पावर हाउस में आग लगाने का प्रयास किया। पावर हाउस तो बच गया। लेकिन प्लास्टिक के पाइप धू-धू कर जलने लगा। गौरतलब है एक बार फिर उन्नाव उस समय चर्चा में आ गया जब जिला प्रशासन के नेतृत्व में पुलिस ने आंदोलित किसानों की लाठी-डंडों से जमकर पिटाई कर दी। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा। किसानों खड़े वाहनों को भी पुलिस ने लाठी-डंडों से तोड़ दिया गया। कांग्रेस के पूर्व सांसद राकेश सचान व जिलाध्यक्ष को भी जिलाधिकारी ने वापस जाने का अल्टीमेटम दिया। देर रात जिलाधिकारी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। किसानों के बीच पहुंचे अराजक तत्वों ने यूपीसीडा के काम कर रहे वाहन व कर्मचारियों को निशाना बनाया। सरकारी गाड़ियों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने बताया कि आज सुबह लगी आग की घटना में भी अज्ञात अराजक तत्वों का हाथ था। जिनको चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आज रविवार को सुबह से ही प्रशासन परियोजना स्थल पर पूरी तरह मुस्तैद था।

 

पावर हाउस में भी किया था आग लगाने का प्रयास

ट्रांस गंगा सिटी स्थल आक्रोशित किसानों ने पावर हाउस और उसके सामने रखे प्लास्टिक के पाइप को आग के हवाले करने का प्रयास किया। पावर हाउस में आग लगाने पर सफल नहीं रहे। लेकिन पाइप धू-धू कर जलने लगा। सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक यूपीसीडा के द्वारा रखे गए पाइप जलकर खाक हो गए थे। साइड पर खड़े क्रेशर को भी आक्रोशित किसानों ने आग के हवाले कर दिया। जिससे केबिन जलकर पूरी तरह खाक हो गया। सिक्योरिटी गार्ड के निवास को भी आग के हवाले कर दिया। जिससे उनके सारे कपड़े व दैनिक सामग्री जलकर खाक हो गई।

 

पूरी तरह मुस्तैद प्रशासन

लगातार तीसरे दिन आज ट्रांस गंगा सिटी परियोजना स्थल पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। हर नाके पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। सुबह आग की घटना करने के बाद किसी को भी परियोजना स्थल पर लटकने नहीं दिया जा रहा है। आज भी मौके पर लगभग 1 दर्जन थाना कोतवाली की पुलिस बुलाई गई। जिसमें अजगैन, माखी, हसनगंज, औरास, बारासगवर, बीघापुर, सोहरामऊ, सफीपुर, बांगरमऊ, आसीवन, सदर कोतवाली सहित अन्य थाने शामिल है। इसके साथ PAC को भी मौके पर मुस्तैद रखा गया है।

Home / Unnao / Trans Ganga City – कहां, कैसे, कब हुआ कार्य, प्रशासन की ओर से किस प्रकार व कितने किसानों को दिया गया मुआवजा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो