पीड़िता का कहना है कि विधायक सेंगर ने 4 जून और उसके बाद 10-19 जून तक तीन अन्य लोगों – शुभम सिंह, ब्रिजेश यागद और अवध नारायण- ने उसके साथ दुष्कर्म किया। लेकिन माखी की पुलिस ने दुष्कर्म के दौरान पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़े या कोई अन्य सुबूत जांच के लिए लखनऊ स्थित फॉरेंसिक लैबोरेटरी को नहीं भेजें थे। इस मामले में एक सीबीआई अफसर ने कहा है कि अगर यूपी पुलिस ने मामले में पहले से सुबूत इकट्ठा किए होते तो हमें आंकलन लगाने में ज्यादा समस्या न आती। अब जब इस मामले में 10 माह बीत गए हैं तो हम ऐसे जरूरी सुबूतों को आरोपी के खिलाफ कैसे इकट्ठा कर पाएंगे। यह सवाल बडा़ है।
मामले में पीड़िता ने सेंगर के खिलाफ 20 जून का FIR को दर्ज करवा ली थी, लेकिन उन्नाव पुलिस ने मामला तभी दर्ज किया जब पीड़िता ने 12 अप्रैल के सीएम के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि 21 जून को मेडिकल करवाया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी भी लखनऊ की फॉरेंसिक लैबोरेटरी में नहीं भेजी गई। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों न यह जरूरी ही नहीं समझा कि पीड़िता के दुष्कर्म को दौरान पहने हुए कपड़े को भी जांच के लिए लखनऊ भेजे दें।
सीबीआई की तीन टीमें पहुंची उन्नाव- मामले में जांच तेज करते हुए आज सीबीआई की तीन अलग-अलग टीमें माखी थाना पहुंचीं जिसमें एक दिल्ली बायोलॉजी डिवीजन सीएफएसएल टीम भी शामिल है। इस टीम के साथ सीबीआई के आईजी जीके गोस्वामी और एसपी सीबीआई भी हैं। सीबीआई की तीन अलग-अलग टीमें उन्नाव में आज सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस और माखी थाना पहुंची। इस गेस्ट हाउस से पीडि़ता और उसकी मां को सीबीआई की टीम माखी लेकर पहुंची।
पीड़िता से आरोपी विधायक व शशि सिंह आमना-सामना- CBI की टीम आज घटनास्थल का मैप बनाएगी, घटना का डेमो करने के साथ-साथ पीड़िता का विधायक कुलदीप सेंगर और शशि सिंह से आमना- सामना करवाकर पूछताछ करेगी।
परिवार कर रहा गेस्ट हाउस से शिफ्ट होने की मांग- दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने जिला प्रशासन से होटल में शिफ्ट करने की मांग की थी। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि यहां पर उन्हें किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है। ना तो पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की। खाने पीने की व्यवस्था नहीं है। अपने लोगों से मिलने के लिए भी उन्हें प्रशासन की सहमति का इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि यदि प्रशासन उनकी मांगें स्वीकार नहीं करता है तो भूख हड़ताल करनी पड़ सकती है। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा की मांग पर जिला प्रशासन सकारात्मक रुख अपनाते हुए होटल में शिफ्ट कराने की सोच रहा है।