आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के धरना व हड़ताल के कारण जनपद के सैकड़ों केद्रों में ताला लटक गया। इससे वजन दिवस भी प्रभावित रहा। शासन द्वारा कुपोषित बच्चों के वजन के लिये मंगलवार का दिन निश्चित किया था। परंतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हड़ताल के कारण वजन कार्य नहीं हो सका। इसके साथ अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में 1771 आंगनवाड़ी केद्र संचालित हैं, जिनमें से 1537 केंद्रों पर वजन कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। उन्होंने बताया कि 234 आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन कार्य प्रभावित हुआ है। शहर के 36 आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी रही। इस दौरान लगभग 1,95, 405 बच्चों के वजन का लक्ष्य रखा गया था, परंतु हड़ताल के कारण लक्ष्य प्रभावित रहा। उंन्होंने कहा कि वजन दिवस के दिन ताला बंद करने वालें केन्द्र पर कार्यवाही की जायेगी।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना लगातार जारी है। शासन द्वारा चेतावनी देने के बाद भी उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। इस सम्बंध बातचीत करने पर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की मंत्री सुधा अवस्थी ने बताया कि 22 अक्टूबर से उनका धरना चल रहा है। गिरीश पाण्डेय के नेतृत्व में हो रहा अनिश्चित कालीन धरना उनकी मांगें पूरी होने तक चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि विगत 2016 में हड़ताल से आठ सौ रुपये बढ़े थे।
आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की मंत्री सुधा अवस्थी ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी, वजन दिवस, पोलियो दिवस सहित अन्य कार्यक्रमों का आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहिष्कार करेंगी।
– राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, पीएफ मिले
– अब तक के बकाया पीएफ की भुगतान हो
– हर साल 30 दिन का चिकित्सा अवकाश दिया जाए
– कार्यकत्रियों का न्यूनतम मानदेय 18000 और सहायिकाओं का न्यूनतम मानदेय 9000 हजार रुपये किया जाए।
– पोषाहार की आपूर्ति बंद कर खाते में पैसा भेजा जाए।