नागेंद्र सिंह राठौर का राजनीतिक कैरियर पराग डेयरी के चेयरमैन और सहकारी संघ खीमसेपुर के अध्यक्ष बन कर शुरू हुआ था। 2007 के विधानसभा चुनाव को उन्होंने बसपा के टिकट से लड़ा था। लेकिन उन्हें हार मिली थी जिसके बाद उन्होंने बीजेपी में एंट्री की। 2017 में बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमें भोजपुर से उन्होंने जीत हासिल की थी।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी के पुत्र मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को बीजेपी ने एक बार फिर टिकट दिया है। 57 वर्षीय मेजर सुनील दत्त द्विवेदी 2017 के चुनाव में फर्रुखाबाद सदर की सीट पर जीत हासिल की थी। इनके पिता स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद सदर से 5 बार विधायक चुने गए थे।
अमृतपुर से इन्हें बनाया गया प्रत्याशी
अमृतपुर विधानसभा सीट से बीजेपी ने सुशील शाक्य को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। जिन्होंने 2017 के चुनाव में जीत हासिल की थी। इनके पिता दयाराम शाक्य जनसंघ से जुड़े रहे हैं। क्षेत्र से विधानसभा और लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 72 वर्षीय सुशील शाक्य सातवीं बार चुनावी मैदान में है।
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कायमगंज सीट पर संशय बरकरार
जिले की अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कायमगंज सीट पर अभी भी संशय बरकरार है जिसको लेकर बीजेपी में हलचल है। चर्चा है कि यह सीट गठबंधन के रूप में सहयोगी दलों को दिया जा सकता है। लाल जिले की 4 सीटों में से तीन पर भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।