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कैसरगंज और रायबरेली में अभी तक किसी भी दल ने नहीं उतारे उम्मीदवार, एक दूसरे के पहली चाल का इंतजार

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटें कैसरगंज और रायबरेली पर अभी तक कोई भी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सभी राजनीतिक दल एक दूसरे के उम्मीदवार के प्रत्याशी का इंतजार कर रहे हैं।

लखनऊApr 17, 2024 / 10:39 am

Anand Shukla

Lok Sabha Election 2024 No candidates named in Rae Bareli and Kaiserganj parties are waiting for each other's first move

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से केवल 2 सीटें बची हैं, जहां पर किसी भी प्रमुख पार्टी या गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। सभी दल एक दूसरे के प्रत्याशी का इंतजार कर रहे हैं। कारण समान है दोनों सीटें हाई प्रोफाइल हैं। कैसरगंज से मौजूदा बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह हैं। वहीं रायबरेली कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है। 2014 और 2019 में मोदी लहर के बावजूद यहां से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी जीती थीं।
कैसरगंज और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में पांचवें चरण में वोटिंग होनी है। यहां 26 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। 3 मई नॉमिनेशन की अंतिम तिथि है। नामांकन पत्र की जांच चार मई है, जबकि नामवापसी की आखिरी तिथि 6 मई है। यहां मतदान 20 मई को होना है।

भाजपा ने 72 सीटों पर उतारे उम्‍मीदवार
यूपी में मिशन 80 के संकल्प के साथ चुनावी मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। वह अपने विपक्षियों को कोई ऐसा मौका नहीं देना चाहती, जिससे कि उसे संकल्प पर असर पड़े। माना जा रहा है कि रायबरेली और कैसरगंज लोकसभा सीट को लेकर कई नाम भी चर्चा में हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का चयन नहीं कर पाई है। बीजेपी ने यूपी की 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बची हुई दो सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर मंथन चल रहा है।
यूपी की 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है कांग्रेस
I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल कांग्रेस को सपा ने यूपी की 17 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी हैं। इनमें कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने 2014 और 2019 में मोदी लहर के बावजूद रायबरेली से जीती थीं। 77 वर्षीय सोनिया गांधी अब राज्यसभा की सदस्य निर्वाचित हो गईं हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं प्रियंका गांधी वाड्रा या गांधी परिवार का कोई करीबी इस सीट से चुनाव लड़ सकता है। कांग्रेस ने भी अभी तक कैंडिडेट्स का ऐलान नहीं किया है।
कैसरगंज से भाजपा ने अभी तक नहीं खोले पत्ते
कैसरगंज से बीजेपी के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह बेफिक्र को क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। बृजभूषण को उम्मीद है
कि बीजेपी उन्हें ही टिकट देगी। पिछले दिनों बृजभूषण सिंह को चुनाव आयोग की नाराजगी झेलनी पड़ी थी, जब उन्होंने बिना अनुमति के 20-25 गाड़ियों के काफिले के साथ एक अभियान जुलूस निकाला था। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में 13 अप्रैल को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 2019 में बृजभूषण शरण सिंह ने 2,60,000 वोटों से जीत दर्ज कर की थी। हालांकि, पिछले दो साल से वह भारत के कुछ ओलंपिक पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में फंसे हुए हैं। इसी वजह से बीजेपी उनका टिकट घोषित करने में देरी कर रही है।
बृजभूषण के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल भाजपा, बल्कि सपा और बसपा ने भी कैसरगंज लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

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