भाजपा ने 72 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
यूपी में मिशन 80 के संकल्प के साथ चुनावी मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। वह अपने विपक्षियों को कोई ऐसा मौका नहीं देना चाहती, जिससे कि उसे संकल्प पर असर पड़े। माना जा रहा है कि रायबरेली और कैसरगंज लोकसभा सीट को लेकर कई नाम भी चर्चा में हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का चयन नहीं कर पाई है। बीजेपी ने यूपी की 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बची हुई दो सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर मंथन चल रहा है।
I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल कांग्रेस को सपा ने यूपी की 17 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी हैं। इनमें कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने 2014 और 2019 में मोदी लहर के बावजूद रायबरेली से जीती थीं। 77 वर्षीय सोनिया गांधी अब राज्यसभा की सदस्य निर्वाचित हो गईं हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं प्रियंका गांधी वाड्रा या गांधी परिवार का कोई करीबी इस सीट से चुनाव लड़ सकता है। कांग्रेस ने भी अभी तक कैंडिडेट्स का ऐलान नहीं किया है।
कैसरगंज से बीजेपी के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह बेफिक्र को क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। बृजभूषण को उम्मीद है
कि बीजेपी उन्हें ही टिकट देगी। पिछले दिनों बृजभूषण सिंह को चुनाव आयोग की नाराजगी झेलनी पड़ी थी, जब उन्होंने बिना अनुमति के 20-25 गाड़ियों के काफिले के साथ एक अभियान जुलूस निकाला था। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में 13 अप्रैल को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 2019 में बृजभूषण शरण सिंह ने 2,60,000 वोटों से जीत दर्ज कर की थी। हालांकि, पिछले दो साल से वह भारत के कुछ ओलंपिक पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में फंसे हुए हैं। इसी वजह से बीजेपी उनका टिकट घोषित करने में देरी कर रही है।