उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के आमचुनाव होने है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा सुप्रीमो मायावती अपनी चुनावी रणनीतियों को अंजाम में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। जिसके तहत बीएसपी प्रमुख ने सबसे पहले ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का शुरूआत भगवान राम की नगरी अयोध्या से की थी। इस सम्मेलन के जरिए बसपा ने ब्राह्मणों के अलावा अन्य प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को अपने पाले में लाने का भरसक प्रयास किया। इन सम्मेलनों के जरिए प्रमुख रूप से गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर से लेकर कानपुर के बिकरू कांड में जेल में बंद खुशी दुबे का मुद्दा जमकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने उठाया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही ब्राह्मणों की हत्याओं को लेकर सूबे की योगी आदित्यनाथ की सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का समापन में लखनऊ में हुआ था। जिसमें बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मणों के हितों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं भी की थी।
प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के बाद अब बसपा माध्यमिक, महाविद्यालय, जूनियर, प्राथमिक, मदरसा, संस्कृत शिक्षक कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सम्मेलन की शुरूआत करेगी। जिसका शुभारंभ रविवार को कृषि फार्म हाउस रमईपुर कानपुर से होने जा रहा है। बीएसपी का यह सम्मेलन बेरोजगारों और शिक्षा विभाग की समस्याओं को लेकर होगा। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र होंगे और पूर्व मंत्री नकुल दुबे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।