
Vastu Tips For Kitchen
Kitchen Vastu Tips For Positivity : वास्तु शास्त्र में दिशा, स्थान और रंग के साथ साफ-सफाई का विशेष महत्व है। इन वास्तु टिप्स के पालन से आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का बसेरा हो सकता है। आइये जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु नियम, जिनका ध्यान रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में कमरे, किचन, बाथरूम आदि का महत्व बताया गया है। किचन की बात करें तो यह न केवल खाना पकाने का स्थान है, बल्कि यह परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि का का भी रास्ता है। इसलिए किचन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए साफ-सफाई और अन्य वास्तु नियमों का पालन जरूरी है। क्योंकि वास्तु के अनुसार हम जितना घर की साफ-सफाई पर ध्यान देते हैं, हमें उतना ही किचन की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स-
किचन का स्थान घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में होना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा अग्नि के लिए उपयुक्त है। आपका किचन अन्य दिशा में है तो वास्तु के अनुसार, उसे फिर से सेट करने पर विचार कर लेना चाहिए। इसके साथ ही आपके किचन का फर्श काले रंग का नहीं होना चाहिए।
किचन के लिए रंगों का चयन भी महत्वपूर्ण है। हल्के और उज्ज्वल रंग जैसे पीला, सफेद, या हल्का हरा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। इन रंगों से किचन में सकारात्मकता आती है। गहरे रंगों से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता को आकर्षित कर सकते हैं।
किचन में उपकरणों का सही स्थान भी वास्तु में महत्वपूर्ण होता है। चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए, जिससे परिवार के सदस्यों को खाना बनाते समय आग के प्रति सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में सफाई रखना बहुत महत्वपूर्ण हैं। नियमित रूप से हमें अपनी किचन की सफाई करनी चाहिए वर्ना नकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी। बिखरे सामान को भी व्यवस्थित तरीके से रखना चाहिए। गंदगी और अव्यवस्था न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करती है।
किचन में कुछ हरे पौधे रखने से न केवल स्थान को सजाया जा सकता है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है। तुलसी या मनी प्लांट जैसे पौधे खासतौर पर किचन में रखने के लिए शुभ माने जाते हैं। ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखते हैं और घर में खुशी को आमंत्रण देते हैं।
प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन किचन में सकारात्मकता बढ़ाता है। इसलिए किचन में पर्याप्त रोशनी हो और हवा के प्रवाह की व्यवस्था करनी चाहिए।
किचन को केवल खाना पकाने का स्थान न समझें, बल्कि इसे परिवार के मिलन का स्थल भी बनाएं। जब परिवार के सदस्य मिलकर खाना बनाते हैं, तो यह सकारात्मकता बढ़ाता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे कभी भी पूजा घर, बाथरूम और किचन नहीं बनवाना चाहिए। यह नकारात्मकता का संकेत देती है। इसके साथ ही सीढ़ियों के नीचे कभी भी जूता-चप्पल नहीं रखना चाहिए। इससे आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूलकर भी सीढ़ियों के नीचे कूड़ेदान को न रखें। ऐसा करने से भारी दोष उत्पन्न होता है। इसके साथ ही रसोईघर को पूजा या प्रार्थना कक्ष शौचालय या शयनकक्ष के ठीक ऊपर या नीचे न रखें।
Published on:
21 Oct 2024 07:12 pm
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