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एक बार फिर सुर्खियों में राजा भैया, जानिए रघुराज प्रताप सिंह की 10 दिलचस्प बातें

लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए राजा भैया बड़ी पारी खेलने वाले हैं

वाराणसीOct 05, 2018 / 12:06 pm

sarveshwari Mishra

Raja Bhaiya

Raja Bhaiya

वाराणसी. आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनावी गणित के माहिर राजनेता हवा का रुख भांपते हुए अभी से अपनी स्थिति मजबूत करने में लग गए हैं। इसी कड़ी में कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं। लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए राजा भैया बड़ी पारी खेलने वाले हैं यह चर्चा जोरों पर है कि राजा भैया बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने के कयासों के बीच राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है।
24 साल की उम्र में राजनीति में रखा था कदम
महज 24 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजा भैया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना चुनाव जीता था। जब वे चुनाव लड़ रहे थे, तब उनके खिलाफ प्रचार करने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कुंडा पहुंचे थे कल्याण सिंह ने वहां कहा था- ‘गुंडा विहीन कुंडा करौं, ध्वज उठाय दोउ हाथ।’ लेकिन बीजेपी उम्मीदवार राजा भैया से चुनाव हार गया। कुंडा को ‘गुंडामुक्त’ कराने का नारा देने वाले कल्याण सिंह ने बाद में राजा भैया को अपने ही मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। मायावती ने जब कल्याण सरकार से समर्थन वापस लिया था, उस समय राजा भैया ने सरकार बचाने में कल्याण की बहुत मदद की थी. बाद में मायावती की सरकार बनी। उन्होंने अपने शासनकाल में राजा भैया पर पोटा कानून के तहत केस दर्ज करके जेल भेज दिया।

मंत्रिमंडल से देना पड़ा था इस्तीफा
2012 में सपा की सरकार बनने के बाद वो उनके एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया। लेकिन प्रतापगढ़ के कुंडा में डिप्टी एसपी जिया उल-हक की हत्या के सिलसिले में नाम आने के बाद रघुराज प्रताप सिंह को अखिलेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा. सीबीआई जांच के दौरान कथित क्लिनचिट मिलने के बाद उनको आठ महीने बाद फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया।

तालाब में घड़ियाल पालने का आरोप
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की बेंती कोठी के पीछे 600 एकड़ के तालाब से कई तरह के किस्से जुड़े हैं। लोगों के बीच धारणा थी कि राजा भैया ने इस तालाब में घड़ियाल पाल रखे थे। वे अपने दुश्मनों को मारकर उसमें फेंक देते थे। हालांकि, राजा भैया इस लोगों का मानसिक दिवालियापन बताते हैं। 2003 में मायावती सरकार ने भदरी में उनके पिता के महल और उनकी कोठी पर छापा मरवाया था।

कुंडा के तलाब में मिला था कंकाल
बेंती के तालाब की खुदाई में एक नरकंकाल मिला था। बताया जाता है कि वह कंकाल कुंडा क्षेत्र के ही नरसिंहगढ़ गांव के संतोष मिश्र का था। संतोष का कसूर ये था कि उसका स्कूटर राजा भैया की जीप से टकरा गया था और कथित तौर पर उनके लोग उसे उठाकर ले गए और इतना मारा कि वह मर गया. बाद में उसके शव को बेंती तालाब के पास दफना दिया गया।

बाहुबली राजा भैया की 10 दिलचस्प बातें
1- रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर, 1967 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में हुआ है।
2- उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह और माता मंजुल राजे है. मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है।
3- रघुराज प्रताप सिंह को राजा भैया और तूफान सिंह के नाम से भी जाना जाता है।
4- राजा भैया को घुड़सवारी का बहुत शौक है. एक बार घोड़े से गिरने से उनकी दो पसलियां टूट गईं।
5- राजा भैया बुलेट, जिप्सी के साथ ही हेलीकॉप्टर की सवारी का शौक रखते हैं।
6- 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था।
7- मंदिर आंदोलन के दौर में मुलायम ने उनका विरोध किया था। उनपर दंगों में भूमिका निभाने का आरोप था.
8- यूपी में राजा भैया ठाकुरों और ब्राह्मणों की विरोधी राजनीति की एक धुरी बन चुके हैं।
9- दबंग राजा को अपने पिता से डर लगता था. बचपन में वह उनसे कभी आंख भी नहीं मिला पाते थे।
10- उनके पास करीब 200 करोड़ से ज्यादा चल-अचल संपत्ति बताई जाती है। इसमें पैतृक संपत्ति भी शामिल है।

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