यह कहना है अभिभावक संघ के अध्यक्ष हरिओम दुबे का। वह मंगलवर को राजातालाब के दीपापुर स्थित सृजन पब्लिक स्कूल में नए वर्ष के पूर्व संध्या पर आयोजित “प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा के दौर में अभिभावक और अध्यापक की भूमिका” विषयक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में कई बदलाव सामने आए हैं। इस दौर में शिक्षकों और अभिभावकों के बीच रिश्ते में भी दूरी बढ़ी है। यह दूरी किसी लिहाज से अच्छी नहीं है। आरटीई सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि बच्चों के उज्जवल भविष्य की जिम्मेदारी शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भी होती है। अभिभावकों को स्कूलों की निगरानी करना बहुत अहम और जरूरी है, स्कूल की कक्षा के बाद बच्चों की घर पर होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखकर उसकी जानकारी विद्यालय को देना अभिभावकों की प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए।
सृजन पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापक सुनीता सिंह ने कहा कि उनका प्रयास है कि इस ग्रामीण अंचल में इस संस्था के जरिए गुणवत्ता परक एवं स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कारों से बच्चों को सुशोभित करें। प्रबंधक आलोक श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आनंद श्रीवास्तव ने किया इस अवसर पर खुशबू चौरसिया, आशीष तिवारी, हाफिज, सुमन पटेल, त्रिलोकी चन्द्र वर्मा, अलका सिंह, रचना प्रसाद, संगीता देवी, सुशील शर्मा, तृप्ति मिश्रा, अजीत, राजेश यादव, सरिता सिंह, नीशु सिंह, पिंकी पटेल, स्तुति पांडे, पुष्पांजलि आदि उपस्थित रहे।