वर्तमान समय मलमास या अधिकमास चल रहा है जो पूजा, यज्ञ, हवन आदि के लए श्रेष्ठ माना जाता है। मलमास में पूर्णिमा तिथि पड़ जाये तो फिर क्या कहना। तीन साल में एक बार मलमास आता है इसलिए इस मास पडऩे वाली पूर्णिमा तिथि भी तीन साल में एक बार आती है। इस बार पूर्णिमा तिथि 29 मई को पड़ रही है इसलिए पूर्णिमा तिथि पर खास उपाय करके आप बिगड़े हुए भाग्य को मना सकते हैं।
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जानिए क्यों खास होती है पूर्णिमा तिथि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि बेहद खास होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनायी जाती है जबकि वैशाख पूर्णिमा के दिन बृद्ध जयंती। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट सावित्री की पूजा करके अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आषाढ़ माह की पुर्णिमा को गुरु पूर्णिमा होती है। श्रावण की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। यहां तक की कुंभ से लेकर अन्य मोक्षदायिनी स्नान भी पूर्णिमा के दिन ही होता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पूर्णिमा तिथि क्यों बेहद खास होती है। पूर्णिमा को ग्रहो के राजा भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है यदि पूर्णिमा के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा की जाये तो बड़ा लाभ मिलता है एक बार भगवान बृहस्पति प्रसन्न हो गये तो पैसों की कमी दूर हो जाती है और अन्य ग्रह भी आपके साथ आ जाते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि बेहद खास होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनायी जाती है जबकि वैशाख पूर्णिमा के दिन बृद्ध जयंती। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट सावित्री की पूजा करके अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आषाढ़ माह की पुर्णिमा को गुरु पूर्णिमा होती है। श्रावण की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। यहां तक की कुंभ से लेकर अन्य मोक्षदायिनी स्नान भी पूर्णिमा के दिन ही होता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पूर्णिमा तिथि क्यों बेहद खास होती है। पूर्णिमा को ग्रहो के राजा भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है यदि पूर्णिमा के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा की जाये तो बड़ा लाभ मिलता है एक बार भगवान बृहस्पति प्रसन्न हो गये तो पैसों की कमी दूर हो जाती है और अन्य ग्रह भी आपके साथ आ जाते हैं।
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29 मई को पड़ रही है अधिक मास की पूर्णिमा
अधिमास खुद ही पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ समय होता है ऐसे में पूर्णिमा पड़ जाये तो उसका महत्व और बढ़ जाता है। इस आर 29 मई को अधिकमास की पूर्णिमा पड़ रही है। इस बार पूर्णिमा तिथि 28 मई को रात 8.40 बजे से 29 मई 7.49 बजे तक होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय के बाद का समय अधिक अच्छा माना जाता है इसलिए 29 मई को सूर्योदय के बाद खास उपाय करके बिगड़े हुए काम बनाये जा सकते हैं।
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अधिमास खुद ही पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ समय होता है ऐसे में पूर्णिमा पड़ जाये तो उसका महत्व और बढ़ जाता है। इस आर 29 मई को अधिकमास की पूर्णिमा पड़ रही है। इस बार पूर्णिमा तिथि 28 मई को रात 8.40 बजे से 29 मई 7.49 बजे तक होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय के बाद का समय अधिक अच्छा माना जाता है इसलिए 29 मई को सूर्योदय के बाद खास उपाय करके बिगड़े हुए काम बनाये जा सकते हैं।
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बिगड़ी हुई किस्मत को ऐसे करे ठीक, घर में होगी धनवर्षा
अधिक मास की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से बिगड़ी हुई किस्मत बन जायेगी। घर में धन वर्षा होने लगेगी। भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से जलाभिषेक करने से बहुत शुभ फल मिलता है। इसके अतिरिक्त स्नान करने के बाद
अधिक मास की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से बिगड़ी हुई किस्मत बन जायेगी। घर में धन वर्षा होने लगेगी। भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से जलाभिषेक करने से बहुत शुभ फल मिलता है। इसके अतिरिक्त स्नान करने के बाद
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अपूपान्न प्रदानेन मम पांव व्यपोहतु मंत्र का जाप करने से भी बहुत लाभ होता है। अधिक मास की पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा भी करायी जाती है। यदि आपके घर या आस-पास भगवान बृहस्पति का मंदिर है तो वहां पीले फूल चढ़ाने के साथ गुड़ व चना भी चढ़ाया जा सकता है। पूजा-पाठ के बाद ब्राह्मणों को दान देना भी विशेष फलकारी होता है। वस्त्रदान, अन्नदान, गुडा और घी से बनी वस्तुओं को दान देने से बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं और घर में पैसों की कमी नहीं रहती है।
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अपूपान्न प्रदानेन मम पांव व्यपोहतु मंत्र का जाप करने से भी बहुत लाभ होता है। अधिक मास की पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा भी करायी जाती है। यदि आपके घर या आस-पास भगवान बृहस्पति का मंदिर है तो वहां पीले फूल चढ़ाने के साथ गुड़ व चना भी चढ़ाया जा सकता है। पूजा-पाठ के बाद ब्राह्मणों को दान देना भी विशेष फलकारी होता है। वस्त्रदान, अन्नदान, गुडा और घी से बनी वस्तुओं को दान देने से बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं और घर में पैसों की कमी नहीं रहती है।
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इन उपायों से भी मिलता है लाभ
पूर्णिमा के दिन किन्नरों को पैसा दान करने या गंगा जल से मिले हुए पानी से नहाने से भी सौभाग्य की वृद्धि होती है। पूर्णिमा के दिन पीला वस्त्र पहनना चाहिए और इस तिथि को पैसा उधार नहीं देना चाहिए। व्यस्थ जिंदगी में भी इन उपायों को करके आप बिगड़े हुए काम बना सकते हैं।
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पूर्णिमा के दिन किन्नरों को पैसा दान करने या गंगा जल से मिले हुए पानी से नहाने से भी सौभाग्य की वृद्धि होती है। पूर्णिमा के दिन पीला वस्त्र पहनना चाहिए और इस तिथि को पैसा उधार नहीं देना चाहिए। व्यस्थ जिंदगी में भी इन उपायों को करके आप बिगड़े हुए काम बना सकते हैं।
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पूर्णिमा तिथि पर भूल कर नहीं करे यह काम
पूर्णिमा तिथि के दिन शराब व मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। किसी गरीब या लाचार को पीडि़त करने से अच्छा भाग्य भी बिगड़ जाता है। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
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