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दीपावली का असर: वाराणसी 5 गुना हुआ जहरीला, स्मॉग ने शहर को किया चोक

-क्लाइमेट एजेंडा द्वारा दिवाली पर वायु प्रदूषण की रिपोर्ट जारी -दीपावली के बाद के वायु गुणवत्ता आंकड़ों ने ग्रीन पटाखों को झूठा साबित किया- पी एम् 2.5 पहुंचा तीन गुना से अधिक-महमूरगंज सबसे अधिक तो चौक सबसे कम प्रदूषित -शहर भर में बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों को झेलना पडा श्वांस का संकट.

वाराणसीOct 29, 2019 / 03:14 pm

Ajay Chaturvedi

वाराणसी का वायु प्रदूषण

वाराणसी का वायु प्रदूषण

वाराणसी. पहले से ही देश व दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरो में शुमार पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस दीपावली सारे रिकार्ड टूट गए। 5 गुना ज्यादा जहरीला हो गया वाराणसी का आकाश मंडल। स्मॉग ने पूरे शहर को चोक कर दिया है। सारी बंदिशें टूट गईं। इको फ्रेंडली पटाखों का सच भी सामने आ गया।
दीपावली के दो दिन बाद क्लाइमेट एजेंडा ने दिवाली पर वायु प्रदूषण की विस्तृत रिपोर्ट आज 29 अक्टूबर 2019 को दिन में 12 बजे जारी की। रिपोर्ट के अनुसार इस दिवाली एक बार फिर वायु प्रदूषण के सन्दर्भ में शहर के बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों के साथ साथ अन्य नागरिकों के डर को सच साबित किया है। शहर के 18 विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता जांच की मशीने लगा कर दिवाली की अगली सुबह 3 बजे से 8 बजे तक एकत्र किये गए आंकड़ों के आधार पर यह पता चलता है कि इस बार भी शहर का वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 5 गुणा अधिक पाया गया। हवा में कार्बन कणों की भयानक रूप से मौजूदगी ने बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों के लिए श्वांस का संकट पैदा किया, जबकि शहर की आबोहवा में पी एम 2.5 की मात्रा सामान्य से तीन गुणा अधिक रही। बता दें कि पिछले चार साल से क्लाइमेट एजेंडा दीपावली के दूसरे दिन शहर के विभिन्न इलाकों में वायु प्रदूषण की जांच कर रही है।
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वाराणसी के वायु प्रदूषण का ग्राफ
IMAGE CREDIT: patrika
संस्था द्वारा तैयार रिपोर्ट के हवाले मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर ने बताया “इन आकड़ों के आधार पर महमूरगंज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित पाया गया, जहां पी एम 10 की मात्रा 529 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही जो कि सामान्य से 5 गुणा अधिक है, विशेस्वरगंज क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहा जहां पी एम 10 का स्तर 492 रहा, नदेसर का राजा बाजार क्षेत्र तीसरे स्थान पर रहा जहां पी एम 10 का स्तर 481 रहा. जबकि जांचे गए सभी क्षेत्रों में तुलनात्मक तौर पर चौक क्षेत्र सबसे कम प्रदूषित मिला जहां पी एम 10 की मात्रा 267 यूनिट रही।
एकता ने बताया “माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और प्रशासन के बड़े बड़े दावों के बीच एक बार फिर दिवाली की रात और अगली सुबह शहर के आम जन जीवन के लिए घातक साबित हुई। पटाखों आदि के असर पर नियंत्रण करने की कवायद में हम एक बार फिर असफल साबित हुए हैं, और ग्रीन पटाखों के नाम पर हुई देर रात तक की आतिशबाजी ने शहर में की आबोहवा में जहर घोलने का काम किया है। स्मॉग की वजह से शहर के आसमान में एक काली परत देखी गयी, और हवा में ऑक्सीजन का संतुलन बेहद खतरनाक मात्रा में बिगड़ गया।”
वाराणसी के वायु प्रदूषण का टेबुल
इस रिपोर्ट में प्राप्त आंकड़े यह बताते हैं कि पी एम् 10 कण ही प्रमुख रूप से प्रदूषण के जिम्मेदार बने। इसका अर्थ यह हुआ कि दिवाली के दौरान होने वाली आतिशबाजियों के साथ साथ शहर की खस्ताहाल सडके भी जहरीली आबोहवा के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार हैं।
अत्यंत बेपरवाह और खस्ता हाल में चल रही शहर की आबोहवा की निगरानी के बारे में एकता शेखर ने कहा “ स्वयं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के आधार पर यह स्पष्ट है कि अर्दली बाजार इलाके में लगी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मशीन से अधिकतम 5 किलोमीटर के दायरे में ही हवा की गुणवत्ता की निगरानी संभव है। इसका अर्थ यह हुआ कि बोर्ड द्वारा चल रही निगरानी से प्राप्त आंकड़े शहर के एक हिस्से के आंकड़े ही हैं और इससे पूरे शहर की आबोहवा के प्रतिनिधि आंकड़े नहीं प्राप्त होते हैं। ऐसी स्थिति में, बोर्ड के द्वारा शहर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कम से कम 5 और मशीने लगा कर वायु गुणवता के आंकड़े लेने का काम करना चाहिए. जब तक यह नहीं किया जाएगा, तब तक प्रदूषण के खिलाफ मुक्काम जीत संभव नहीं हो पायेगी।”

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