scriptजब मायावती को कहना पड़ा था अखिलेश मुझे बुआ मानते हैं तो कराये गिरफ्तारी | Akhilesh and Mayawati party can Alliance in Lok Sabha 2019 | Patrika News
वाराणसी

जब मायावती को कहना पड़ा था अखिलेश मुझे बुआ मानते हैं तो कराये गिरफ्तारी

सपा व बसपा में मिल रहे गठबंधन के संकेत, जानिए क्या है कहानी

वाराणसीFeb 10, 2018 / 12:39 pm

Devesh Singh

Akhilesh Yadav and Mayawati

Akhilesh Yadav and Mayawati

वाराणसी. सपा व बसपा की राजनीतिक लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। सपा व बसपा ने कभी साथ मिल कर यूपी चुनाव लड़ा था और बीजेपी को जबरदस्त पटखनी दी थी। इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती को सीएम बनने का भी मौका मिला था, लेकिन लखनऊ गेस्ट हाउस कांड के बाद सपा व बसपा के बीच जो जंग शुरू हुई है वह आज भी जारी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा से अपनी पार्टी की दूरी खत्म करने हमेशा पहल की है। इसी क्रम में अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंच से कई बार बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कहते आये हैं। मायावती ने एक बार सार्वजनिक मंच से कहा था कि यदि अखिलेश मुझे बुआ मानते हैं तो इस व्यक्ति की गिरफ्तारी कराये।
यह भी पढ़े:-मायावती पर अमर्यादित बयान देने वाले दयाशंकर सिंह को बीजेपी में फिर मिला बड़ा पद


यूपी चुनाव 2017 से पहले अखिलेश् यादव का बुआ व बसपा सुप्रीमो मायावती का बबुआ शब्द काफी चर्चा में आया था। बुआ व भतीजे के इस राजनीतिक संबंध ने सुर्खियां बटोरी थी जब अमर्यादित टिपण्णी करने वाले बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह पर मुकदमा दर्ज हुआ था और वह फरार हो गये थे। इसके बाद पुलिस ने लगातार दबिश दी थी लेकिन दयाशंकर सिंह को पकडऩे में सफलता नहीं मिली थी। मायावती ने भी इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का प्रश्र बना दिया था और राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था। उस समय माना जा रहा था कि इस प्रकरण का बसपा को तत्कालिक लाभ हुआ था और कार्यकर्ताओं में नयी ताकत का संचार हुआ था। एक तरफ बीजेपी ने भी दयाशंकर सिंह के परिजनों पर अभद्र बात करने वाले बसपा के नेताओं पर कार्रवाई के लिए आंदोलन शुरू कर दिया था। सपा सरकार ने बसपा व बीजेपी के बीच की लड़ाई से दूरी बना ली थी इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि यदि अखिलेश यादव मुझे बुआ मानते हैं तो दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार कराये। इसके बाद यूपी पुलिस भी सक्रिय हो गयी थी और पुलिस दबाव के चलते दयाशंकर सिंह को जेल की हवा खानी पड़ी थी। बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को छह: साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था और स्वाति सिंह को प्रदेश महिला अध्यक्ष बना कर ड्रैमेज कंट्रोल किया था इसके बाद चुनाव में स्वाति सिंह पहले विधायक बनी और सीएम योगी के राज में मंत्री। यूपी में सीएम योगी सरकार के आने के बाद ही दयाशंकर सिंह की पार्टी में वापसी हो गयी थी अब दयाशंकर सिंह को फिर से प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया है।
यह भी पढ़े:-पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी की पुलिस के खिलाफ बीजेपी विधायक ने दिया धरना, मचा हड़कंप
सपा व बसपा में गठबंधन के मिल रहे संकेत
बीजेपी का विजयी रथ रोकने के लिए सपा व बसपा में गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं। गोरखपुर व फूलपुर संसदीय सीट पर 11 मार्च को उपचुनाव होना है यदि सपा व बसपा में सहमति बनती है तो दोनों ही पार्टी मिल कर उपचुनाव लड़ सकती है। सपा व बसपा के मिलने से सबसे अधिक नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा। फिलाहल दयाशंकर सिंह को उसी पद पर वापस करके बीजेपी ने अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है अब देखना है कि सपा व बसपा की रणनीति क्या होती है।
यह भी पढ़े:-बीजेपी के मंत्री भी ओमप्रकाश राजभर को नहीं पायेंगे रोक, बैकफुट पर आयेगी भगवा पार्टी

Home / Varanasi / जब मायावती को कहना पड़ा था अखिलेश मुझे बुआ मानते हैं तो कराये गिरफ्तारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो